निवेशकों के करोड़ों रुपये न देने के आरोपों में तिहाड़ जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत राय की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सहारा से कहा कि आपकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं और ये आपकी करनी की वजह से है।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा के 484 करोड़ रुपये दूसरी कंपनी को देने के मामले में कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कार्रवाई करने को कहा है। इसके साथ ही सुब्रत राय को संपत्ति बेचने के लिए जेल परिसर में मिलने वाली सुविधा को भी फिलहाल बढ़ाने से इंकार कर दिया गया है।
मंगलवार को हुई सुनवाई में आरबीआई ने कोर्ट को सहारा के बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स का पत्र दिया जिसमें कहा गया है कि सहारा ने डिपॉजिट के 484 करोड़ रुपये सहारा की दूसरी कंपनी सहारा इंडिया को दे दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर गहरी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि जब आदेश दिए गए थे कि रुपये सिर्फ सेबी सहारा अकाउंट में दिए जाएंगे तो कंपनी ने ऐसा क्यों किया। ये सीधे सीधे आदेश का उल्लंघन है।
जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि आपकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं और इसकी वजह आपकी ही करनी है। इस मामले में सेबी, आरबीआई और इंकम टैक्स सब आ चुके हैं पता नहीं और कौन कौन आएगा।
कोर्ट ने आरबीआई को कहा कि वो इस मामले में एक्ट के तहत कार्रवाई करने को आजाद है। साथ ही इस मामले में सहारा के खिलाफ आरबीआई एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की जाए।
इस मामले में सहारा की ओर से वकीलों ने कहा कि ये रुपये इस कंपनी के जरिए निवेशकों को दिए गए हैं और ऑडिटर्स की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में सहारा को जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है।
इसी सुनवाई में सहारा की ओर से विदेशी संपत्ति को बेचने के लिए जेल परिसर के कोर्ट परिसर में रहने की सुविधा को बढ़ाने की मांग की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पहले कोई ठोस प्रोपोजल आरबीआई और सेबी को दे, इसके बाद ही मामले की सुनवाई होगी।
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