नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट आज चंदन तस्कर वीरप्पन के चार साथियों की फांसी के मामले पर अपना फैसला सुना सकता है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने यह कहते हुए इस मामले पर फैसला टाल दिया था कि इस केस पर दूसरी पीठ का फैसला आने के बाद ही सर्वोच्च अदालत कोई फैसला सुनाएगी।
वीरप्पन के ये साथी अपनी मौत की सजा पर अमल को रुकवाना चाहते थे। इन चारों को 1993 में कर्नाटक के पोलार में बारूदी सुरंग के विस्फोट में 22 पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों की मौत के सिलसिले में फांसी की सजा दी गई थी। इनके वकीलों की दलील है कि इनकी मौत की सजा पर माफी की अपील नौ साल तक राष्ट्रपति के पास लंबित रहने के चलते इनके मानवाधिकारों का हनन हुआ है और इनकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाना चाहिए।
वीरप्पन के ये साथी अपनी मौत की सजा पर अमल को रुकवाना चाहते थे। इन चारों को 1993 में कर्नाटक के पोलार में बारूदी सुरंग के विस्फोट में 22 पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों की मौत के सिलसिले में फांसी की सजा दी गई थी। इनके वकीलों की दलील है कि इनकी मौत की सजा पर माफी की अपील नौ साल तक राष्ट्रपति के पास लंबित रहने के चलते इनके मानवाधिकारों का हनन हुआ है और इनकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाना चाहिए।
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