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This Article is From Apr 07, 2017

बूथवाइज मतगणना पर बहस: चुनाव आयोग के रुख से केंद्र सहमत नहीं

बूथवाइज मतगणना पर बहस: चुनाव आयोग के रुख से केंद्र सहमत नहीं
सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई सात सितंबर को होगी.(फाइल फोटो)
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
इस संबंध में एक जनहित याचिका दायर हुई है
उसमें बूथवार मतगणना की मुखालफत की गई है
केंद्र लेकिन इस तरह की काउंटिंग के पक्ष में
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने एक बार फिर बूथवार मतगणना को सही ठहराया. केंद्र ने चुनाव आयोग की एक साथ मतगणना के सुझाव का विरोध किया. केंद्र सरकार ने कहा कि बूथ के आधार पर मतगणना पार्टी और उम्मीदवार के लिए ज्यादा बेहतर है क्योंकि इससे पार्टी या प्रत्याशी को ये पता चल जाता है कि किस इलाके में उसे ज्यादा वोट मिले हैं और किस हिस्से में उसे और काम करना चाहिए. इस संबंध में 16 सिंतबर 2016 को मंत्रिमंडल समूह की फाइनल मीटिंग की गई. इस मीटिंग में ये तय हुआ कि बूथ के आधार पर मतगणना पार्टी और उम्मीदवार के लिए बेहतर है. सरकार ने ये भी कहा है कि ये तर्क सही नहीं है कि जिन इलाके के लोगों ने वोट नहीं दिया, वहां जीतने के बाद काम नहीं करेंगे. ये मीडिया एक्टिविज्म के जमाने में संभव नहीं है.

अगर किसी ने ऐसा किया तो मीडिया और सोशल माडिया पर ऐसे मामले तुरंत फैल जाएंगे जिससे जनप्रतिनिधि और पार्टी पर दबाव आ जाएगा. वहीं पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस आफ इंडिया जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि मौजूदा दौर में EVM मशीनों से छेड़छाड़ नामुमकिन नहीं है. यहां तक कि दुनिया का सबसे विकसित देश भी अछूता नहीं है. हालांकि ये टिप्पणी करते हुए CJI खेहर ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था.

दरअसल इस संबंध में एक जनहित याचिका दायर की गई है. उसमें कहा गया है कि फिलहाल मतगणना के दौरान बूथ के आधार पर वोटों की गिनती होती है जिससे ये पता चल जाता है कि किस इलाके के लोगों ने किस प्रत्याशी को वोट दिए हैं. इससे जीतने वाला प्रत्याशी उस इलाके से भेदभाव करता है जहां के लोगों ने वोट नहीं दिया. इसलिए वोटों की गिनती एक साथ होनी चाहिए. इस मामले में चुनाव आयोग ने इस पर सहमति जताते हुए दलील दी थी कि इसे लेकर केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा था कि वो इस नियम को लागू क्यों नहीं कर रही है? अब इस मामले की अगली सुनवाई सात सितंबर को होगी.

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