
सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई सात सितंबर को होगी.(फाइल फोटो)
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इस संबंध में एक जनहित याचिका दायर हुई है
उसमें बूथवार मतगणना की मुखालफत की गई है
केंद्र लेकिन इस तरह की काउंटिंग के पक्ष में
अगर किसी ने ऐसा किया तो मीडिया और सोशल माडिया पर ऐसे मामले तुरंत फैल जाएंगे जिससे जनप्रतिनिधि और पार्टी पर दबाव आ जाएगा. वहीं पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस आफ इंडिया जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि मौजूदा दौर में EVM मशीनों से छेड़छाड़ नामुमकिन नहीं है. यहां तक कि दुनिया का सबसे विकसित देश भी अछूता नहीं है. हालांकि ये टिप्पणी करते हुए CJI खेहर ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था.
दरअसल इस संबंध में एक जनहित याचिका दायर की गई है. उसमें कहा गया है कि फिलहाल मतगणना के दौरान बूथ के आधार पर वोटों की गिनती होती है जिससे ये पता चल जाता है कि किस इलाके के लोगों ने किस प्रत्याशी को वोट दिए हैं. इससे जीतने वाला प्रत्याशी उस इलाके से भेदभाव करता है जहां के लोगों ने वोट नहीं दिया. इसलिए वोटों की गिनती एक साथ होनी चाहिए. इस मामले में चुनाव आयोग ने इस पर सहमति जताते हुए दलील दी थी कि इसे लेकर केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा था कि वो इस नियम को लागू क्यों नहीं कर रही है? अब इस मामले की अगली सुनवाई सात सितंबर को होगी.
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