नई दिल्ली : दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है। NGT के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा की NGT लोगों की भलाई के लिए नए कदम उठा रहा है, लिहाज़ा हम सबको इस काम में उसका सहयोग करना चाहिए।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट NGT के आदेशों में दखल नहीं देगा। याचिका में NGT के दो आदेशों पर रोक लगाने की मांग भी की गई थी। इसमें 4 मार्च 2015 को 10 साल पुरानी डीज़ल की गाड़ियों को हटाने और सितम्बर 2014 में 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को दिल्ली की सड़कों से हटाने के आदेश जारी किए गए थे।
याचिका में कहा गया है कि NGT इस तरह के आदेश जारी नहीं कर सकता, क्योंकि ये मोटर व्हीकल एक्ट का मामला है और इसमें सिर्फ केन्द्र सरकार ही बदलाव कर सकती है। NGT में जो आदेश दिए हैं वो उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। साथ की ये भी कहा गया कि ये एक्ट पूरे देश के लिए है ऐसे में सिर्फ दिल्ली के लिए अलग से कानून नहीं हो सकता।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NGT वही आदेश दे रहा है जो अदालतें दे चुकी हैं। 15 साल पुरानी गाड़ियों को हटाने के आदेश सबसे पहले आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने दिए थे, जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई थी।
अब जब NGT लोगों की भलाई के लिए काम कर रहा है तो सबको सहयोग करना चाहिए न कि उसके काम में रोड़ा अटकाना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी।
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