विज्ञापन
This Article is From Jan 12, 2017

सुप्रीम कोर्ट ने विसल ब्लोअर एक्ट पर सरकार को निर्देश देने से इंकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने विसल ब्लोअर एक्ट पर सरकार को निर्देश देने से इंकार किया
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को विसल ब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट में संसोधन करने या कोई और निर्देश देने से इंकार कर दिया है. गैर सरकारी संस्था परिवर्तन की ओर से प्रशांत भूषण द्वारा दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि 'हम ये नहीं कह सकते कि मिस्टर पार्लियामेंट आप यह कीजिए. संसद में यह मामला सीज़ है, वही इस पर फैसला करेगी.'

कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर याचिकाकर्ता को इस मामले में असंतोष है तो कोर्ट इस मुद्दे में नहीं उलझना चाहती. जब एक्ट पास होगा और याचिकाकर्ता को कोई परेशानी उस वक्त हो तो फिर से कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र की इस दलील को सही मानती है कि ये राज्यसभा में लंबित है. यह एक्ट आने वाले शीतकालीन सत्र में पास हो जाएगा.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2014 में सरकार ने संसोधन पेश किया क्योंकि पुराने एक्ट और RTI एक्ट 2005 में टकराव हो रहा था. यह राज्यसभा में पेंडिंग हैं. दरअसल एक जनहित याचिका में मांग की गई थी कि 2014 में लोकसभा में विसल ब्लोअर प्रोटेक्टशन एक्ट पास हो गया था लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है. याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट सरकार को निर्देश दे कि जब तक एक्ट लागू नहीं होता तब तक 2011 प्रावधानों को लागू करे और इसमें संसोधन करे. प्रशांत भूषण की दलील थी कि नए संसोधन के जरिए सरकार विसलब्लोअर के अधिकारों को छीन लेना चाहती है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
विसल ब्लोअर, सुप्रीम कोर्ट, विसल ब्लोअर एक्ट, Whistleblower Act, Supreme Court
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com