AIADMK प्रमुख शशिकला ने जेल में स्‍पेशल किचन के लिए दिए दो करोड़ रुपये : रिपोर्ट

डीआईजी जेल ने अपने सीनियर डीजीपी जेल को चिट्ठी लिखकर इस स्पेशल किचन की जानकारी दी है.

AIADMK प्रमुख शशिकला ने जेल में स्‍पेशल किचन के लिए दिए दो करोड़ रुपये : रिपोर्ट

शशिकला (फाइल फोटो)

खास बातें

  • डीआईजी जेल ने सीनियर अध्‍ािकारी पर लगाया आरोप
  • कहा- स्‍पेशल किचन के लिए शशिकला ने पैसे खर्च किए
  • कुछ सप्‍ताह पहले ही डीआईजी ने संभाला कार्यभार
बेंगलुरू:

बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में बंद एआईएडीएमके प्रमुख शशिकला को वीवीआईपी सुविधाएं मिल रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ शशिकला के लिए जेल में एक अलग किचन की व्यवस्था की गई है. डीआईजी जेल ने अपने सीनियर डीजीपी जेल को चिट्ठी लिखकर इस स्पेशल किचन की जानकारी दी है.

इस चिठ्ठी में लिखा गया है कि अधिकारियों का कहना है कि डीजीपी की जानकारी के बावजूद ऐसा हो रहा है और स्पेशल किचन के लिए दो करोड़ रुपये की डील हुई है और ख़ुद डीजीपी भी इसमें शामिल हैं. 10 जुलाई को केंद्रीय कारागार का निरीक्षण करने के बाद डीआईजी रूपा ने डीजीपी को ये चिट्ठी लिखी है.

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उल्‍लेखनीय है कि शशिकला को आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की सजा मिली है. अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि डीआईजी रूपा ने क्‍या अपने बॉस के अलावा अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों को भी यह चिट्ठी भेजी है.

डीआईजी रूपा ने कुछ सप्‍ताह पहले ही जेल विभाग में डीआईजी के रूप में ज्‍वाइन किया था और उन्‍होंने 10 जुलाई को सेंट्रल जेल का गहन निरीक्षण किया था.

इससे पहले 10 अप्रैल की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेंगलुरु जेल में आय से अधिक संपत्ति मामले में सज़ा काट रही AIADMK सुप्रीमो शशिकला अब 15 दिनों में सिर्फ 4 से 6 मुलाकातियों से ही मिल पाएंगी. कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (कारागार) सत्यनारायण राव ने बताया था कि कर्नाटक प्रिसिजन मैनुएल के रूल 584 के तहत ही शशिकला को छूट दी गई थी. इस रूल के मुताबिक शशिकला अब 15 दिनों में 4 से 6 मुलाकातियों से ही मिल सकेंगी. विवाद तब उठ खड़ा हुआ था जब एक आरटीआई कार्यकर्ता को आरटीआई से जानकारी मिली कि एक महीने में शशिकला से 14 मौक़ों पर 28 लोगों ने बेंगलुरु सेंट्रल जेल में मुलाक़ात की. आरटीआई कार्यकर्ता नरसिम्हा मूर्ति ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे जेल मैनुएल का उल्‍लंघन बताया था. इस आरटीआई कर्यकर्ता के विरोध के बाद परपनाग्रहारा यानी बेंगलुरु सेंट्रल जेल प्रशासन ने सफाई दी.

दरअसल कर्नाटक जेल मैनुएल के मुताबिक विचाराधीन कैदी सप्‍ताह में दो बार अपने वकीलों या जान पहचान और रिश्तेदारों से मिल सकता है जबकि सज़ायाफ्ता 15 दिनों में 2 बार. शशिकला को मार्च में चुनाव आयोग के साथ-साथ कोर्ट ऑर्डर्स की फॉर्मेलिटीज पूरी करने के लिए पार्टी और वकीलों से लगातार मिलना पड़ रहा था. इन्हीं हालातों को ध्यान में राखते हुए शायद जेल प्रशासन ने शशिकला को थोड़ी छूट दी थी.


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