दक्षिण भारतीय व्यंजनों की श्रृंखला 'सर्वना भवन' के मालिक पी राजगोपाल (P Rajagopal) का गुरुवार को चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया. उन्होंने हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा काटने के लिए सरेंडर किया था. सरेंडर करने के कुछ दिन बाद उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पी राजगोपाल को समर्पण के लिये और समय देने से इंकार कर दिया था. न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजगोपाल की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि इस मामले में अपील पर सुनवाई के दौरान उसकी बीमारी का मुद्दा नहीं उठाया गया था.
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राजगोपाल को अक्टूबर, 2001 में एक कर्मचारी की हत्या के मामले में सजा सुनाई गई है. राजगोपाल अपने एक कर्मचारी की हत्या करके उसकी पत्नी से शादी करना चाहता था. इससे पहले उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने इसी वर्ष 29 मार्च राम गोपाल सहित नौ दोषियों की अपील को खारिज करते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था.
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उच्च न्यायालय ने 2009 में इस हत्याकांड में राजगोपाल और आठ अन्य की दस दस साल की कैद की सजा को बढ़ाकर उम्र कैद में तब्दील कर दिया था.
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