फाइल फोटो
पुड्डुचेरी की एक अदालत ने वर्ष 2004 के बहुचर्चित शंकररामन हत्याकांड में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती समेत सभी 23 आरोपियों को बरी कर दिया है।
मामले में कांची मठ के मठाधीश जयेन्द्र सरस्वती और विजयेन्द्र सरस्वती प्रमुख आरोपी थे। मामले की सुनवाई नौ साल से ज्यादा समय तक चली। दरअसल, मामले की सुनवाई पहले तमिलनाडु की चेंगलपेट अदालत में चल रही थी। बाद में जयेन्द्र के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पुडुचेरी में करने का निर्देश दिया। जयेन्द्र का आरोप था कि तमिलनाडु का वातावरण स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई के लिए उपयुक्त नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कांचीपुरम के वरदराजापेरूमल मंदिर के प्रबंधक शंकररामन की हत्या कथित रूप से 3 सितंबर, 2004 को मंदिर परिसर में कर दी गई थी। इस मामले में कुल 24 लोग (अब 23 लोग) आरोपित किए गए थे। जयेन्द्र और विजयेन्द्र सरस्वती को प्रमुख आरोपी ए-1 और ए-2 बनाया गया था।
कांची मठ के एक अन्य प्रबंधक सुंदरेसन और जयेन्द्र सरस्वती के भाई रघु को सह-आरोपी के रूप में आरोपित किया गया था। उल्लेखनीय है कि 24 आरोपियों में से एक कथिरवन की हत्या इस साल मार्च में यहां केके नगर में कर दी गई। सुनवाई के दौरान 2009 और 2012 के बीच 189 गवाहों से जिरह की गई। उनमें 83 मुकर गए।
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