अहमदाबाद:
भारतीय पुलिस सेवा के निलंबित अधिकारी संजीव भट्ट ने सोमवार को कहा है कि गुजरात के दंगों के मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल की विश्वसनीयता पर उनके रुख की पुष्टि अदालत के सहयोग के लिए तैनात अधिवक्ता राजू रामचंद्रन की रिपोर्ट में भी की गई है। गोधरा कांड के बाद दंगों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका के बारे में न्यायमित्र राजू रामचंद्रन की उच्चतम न्यायालय को सौंपी गई रिपोर्ट में कथित रूप से दी गई सलाह की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए भट्ट ने कहा, ये वही बातें हैं जो मैं लंबे समय से कह रहा हूं। भट्ट ने कहा, उच्चतम न्यायालय में राजू की रिपोर्ट में जकिया जाफरी की शिकायत के बारे में एसआईटी की जांच की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।' गुजरात में 2002 में हुए दंगों की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रही है। भट्ट ने इस साल अप्रैल में सर्वोच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर एसआईटी द्वारा की जा रही जांच की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए थे। भट्ट ने कहा था इस जांच एजेंसी के साथ बातचीत के दौरान उन्हें इस बात का अनुभव हुआ कि जांच के लिए एसआईटी जो तरीका और रवैया अपना रहा है वह अपर्याप्त है। पुलिस अधिकारी ने एसआईटी पर 2002 के गुलबर्ग सोसाइटी मामले की जांच करते हुए गवाहों को मजबूर करने का आरोप लगाया था।
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