
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे कृषि विधेयक (Agriculture Bills) के खिलाफ जहां देशभर के किसानों में गुस्सा है वहीं इसे लेकर कांग्रेस से निकाले गए संजय झा (Sanjay Jha) ने बड़ा खुलासा किया है. संजय झा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में एमपीएमसी अधिनियम को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस एकमत है.
संजय झा ने आज ट्वीट कर लिखा, "2019 लोकसभा चुनावों के लिए हमारे कांग्रेस घोषणापत्र में, हमने खुद एपीएमसी अधिनियम को समाप्त करने और कृषि उपज को प्रतिबंधों से मुक्त बनाने का प्रस्ताव दिया था. यह मोदी सरकार ने किसानों के बिल में किया है. इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस एकमत हैं."
Folks, in our Congress Manifesto for 2019 Lok Sabha elections, we had ourselves proposed abolition of APMC Act and making agricultural produce free from restrictions. This is what Modi government has done in the farmers bills. BJP and Congress are on the same page here.
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) September 18, 2020
इससे पहले एक अन्य ट्वीट में संजय झा ने लिखा, "कृषि बिल मिडिल मैन को खत्म करते हैं, क्या यह भाजपा का मुख्य वोट बैंक नहीं है? इसके अलावा, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन पहले यूपीए के अपने इरादे के अनुरूप है और इससे बहु-ब्रांड की परिकल्पना में कांग्रेस के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का लाभ मिलेगा। द्विदलीय राजनीति प्लीज! "
संजय झा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देने वालों में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय शामिल थे और उन्होंने आश्चर्यजनक रूप से, कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता की प्रशंसा के रूप में कहा कि वह एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने वास्तव में पार्टी के घोषणा पत्र को पढ़ा है.
मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, "एकमात्र व्यक्ति, जिसके द्वारा कांग्रेस का घोषणापत्र पढ़ा गया है, उन्हें याद है और अपने नेतृत्व के दोहरेपन पर तालियां बजा रहे हैं, जो विदेश में हैं, जबकि संसद चालू है और किसानों को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं ... "
कृषि, किसान और कृषि श्रम से संबंधित कांग्रेस के घोषणा पत्र के खंड का बिंदु 11 के मुताबिक : "कांग्रेस कृषि उपज बाजार समितियों के अधिनियम को निरस्त करेगी और कृषि उपज में व्यापार करेगी - जिसमें निर्यात और अंतर-राज्य व्यापार भी शामिल है - सभी प्रतिबंधों से मुक्त"
कल लोकसभा द्वारा पारित विधेयकों में से एक यह है कि - किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक किसानों को देश में कहीं भी प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अपनी उपज बेचने का विकल्प देता है. हालांकि, कांग्रेस शासित पंजाब में किसान बड़े पैमाने पर विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि उन्हें अब न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा.
विपक्षी दलों ने बिल को "किसान विरोधी" बताया है और दावा किया है कि कृषि क्षेत्र को कॉर्पोरेट हितों के भाग्य पर छोड़ दिया जाएगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं