मिडिल क्लास बैठी रही आस लगाए और वित्तमंत्री गांव-गरीब, किसान, महिला के नाम कर गई बजट. पीएम मोदी अपनी प्रतिक्रिया देने आए तो वह भी कहकर चले गए कि गरीब, देश के विकास का पावर हाउस बनेंगे. इस बजट से गरीबों को बल मिलेगा और युवाओं को बेहतर कल मिलेगा. सवाल यही था कि किसी को बल मिला किसी को बेहतर कल मिला लेकिन मध्यवर्ग, सैलरी क्लास को क्या मिला? पीएम मोदी ने कहा कि मध्यम वर्ग को इस बजट से प्रगति मिलेगी. क्या आपको भी ऐसा लगता है... फिलहाल यह जान लें कि वित्तमंत्री ने अपने बजट में दिया क्या?
क्या-क्या दिया वित्तमंत्री ने?
- पैन नहीं होने पर आधार के जरिये आयकर रिटर्न भरने की छूट.
- कृत्रिम किडनी के कच्चे माल और डिस्पोजेबल स्टरलाइज्ड डाइलाइजर तथा परमाणु बिजली घरों आदि के लिये सीमा शुल्क में कमी की घोषणा.
- सालाना 1.5 करोड़ रुपये से कम का कारोबार करने वाले करीब 3 करोड़ खुदरा व्यापारियों, छोटे दुकानदारों को पेंशन लाभ.
- 45 लाख रुपये तक के मकान खरीदने के लिये 31 मार्च 2020 तक लिये गये कर्ज के मामले में ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कर छूट.
- इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर ब्याज भुगतान के एवज में 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कर छूट.
- स्टार्टअप के लिये जुटाये गये कोष पर आयकर विभाग नहीं करेगा जांच. ऐसी घोषणा की गई है.
- सभी इच्छुक ग्रामीण परिवारों को 2022 तक बिजली और खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव.
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2022 तक सभी को बिजली, एलपीजी कनेक्यशन के साथ मकान.
- बांस, शहद और खादी जैसे परंपरागत उद्योगों को अधिक उत्पादक और लाभदायक बनाने के लिये स्फूर्ति (स्कीम आफ फंड फार अपग्रेडेशन एंड - रिजनरेशन आफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज) के तहत संकुल आधारित विकास सामान्य सुविधा केंद्र का गठन होगा.
- कृषि-ग्रामीण उद्योग क्षेत्र के 75,000 उद्यमियों के कौशल विकास की योजना.
- 10,000 नये किसान उत्पादक संगठन का गठन किया जाएगा.
- जीरो बजट खेती दूसरे राज्यों में भी लागू करने का प्रस्ताव.
- जल जीवन मिशन के तहत सभी ग्रामीण परिवारों को 2024 तक पाइप के जरिये जल आपूर्ति की जाएगी.
- प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरत कार्यक्रम के तहत हर पंचायत में इंटरनेट सुविधा के साथ दो करोड़ ग्रामीण भारतीयों को डिजिटल साक्षर बनाने का प्रस्ताव.
- देश में शोध के वित्त पोषण, समन्वय और बढ़ावा देने के लिये नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के गठन का प्रस्ताव.
- खेलो इंडिया योजन का विस्तार किया जाएगा और खेलों को लोकप्रिय बनाने तथा खिलाड़ियों के विकास के लिये राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड का गठन किया जाएगा.
- विदेशों में युवाओं के रोजगार के लिये तैयार करने को लेकर कृत्रिम मेधा, इंटरनेट आफ थिंग्य, बिग डेटा जैसे क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा.
क्या-क्या वसूल करेंगी वित्तमंत्री?
- दो करोड़ रुपये से पांच करोड़ और पांच करोड़ और उससे ऊपर सालाना आय वालों के लिये अधिभार क्रमश: 3 प्रतिशत और 7 प्रतिशत बढ़ाया गया.
- काजू गिरी, पीवीसी, टाइल्स, वाहनों के कल-पुर्जो, मार्बल स्लैब, आप्टिकल फाइबर केबल, सीसीटीवी कैमरा आदि पर सीमा शुल्क में बढोतरी.
- आयातित किताबों पर 5 प्रतिशत बेसिक सीमा शुल्क लगाया गया.
- पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये प्रति लीटर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क तथा सड़क एवं बुनियादी ढांचा उपकर लगाया गया.
- सोना और अन्य मूल्यवान धातुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा.
- कर दायरा बढ़ाने के लिए सरकार ने ठेकेदारों या पेशेवरों को एक साल में 50 लाख रुपये सालाना से अधिक का भुगतान करने वाले व्यक्ति के लिए पांच प्रतिशत की दर से ‘स्रोत पर कर कटौती' (टीडीएस) अनिवार्य कर दी है.
- एक करोड़ रुपये से अधिक कैश निकालने पर 2 फीसदी टीडीएस कटौती का प्रस्ताव.
क्या था जो नहीं मिला?
अंतरिम बजट में जिस तरीके से तत्कालीन वित्तमंत्री ने कहा था कि आने वाले समय में और भी कुछ मिलेगा वैसा कुछ इस बजट में देखने को नहीं मिला. अंतरिम बजट में कहा गया था कि 5 लाख तक की आमदनी वालों को टैक्स से मुक्त रखा गया है. लोगों को उम्मीद थी कि यह घोषणा सभी के लिए लागू किए जाने की बात इस बजट में की जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सैलरी वाले लोगों की सबसे ज्यादा इसी से उम्मीद थी. किसी तरीके की छूट जैसे 80सी और 80डी की सीमा बढ़ाई जाती, वह भी इस बजट में नहीं हुआ. एक तरह से सैलरी पेशा वाले ्रको जो मिलना चाहिए थी वह भी नहीं मिला.
क्या मिला जिसकी उम्मीद नहीं थी?
45 लाख तक के होम लोन पर पहले ब्याज में 2 लाख रुपये तक की छूट दी जा रही थी जिसे बढ़ाकर अब 3.5 लाख रुपये कर दिया गया है. वैसे इसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी. इलेक्ट्रिक गाडि़यों पर छूट दिए जाने की बात की गई है यह भी उम्मीद नहीं थी, हालांकि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को प्रोत्साहित करना चाहती है लेकिन वह इस तरीके से प्रोत्साहित करेगी इसकी उम्मीद नहीं की जा रही थी.
दिया कुछ नहीं वसूल पूरा किया
पीएम मोदी ने भले ही इस बात का जिक्र किया कि मध्यम वर्ग को प्रगति मिलेगी लेकिन ठोस रूप में शायद नहीं दिख रहा है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पहले से ही नियंत्रण नहीं है. कहा जा रहा था कि उसे भी जीएसटी में लाया जाए ताकि पट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर कुछ लगाम लगे लेकिन इस बजट में हुआ कुछ अलग ही. सरकार ने पेट्रोल-डीजल को दो-दो रुपये महंगा कर दिया. इसी तरीके से सोने पर 2.5 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाकर इसे और महंगा कर दिया.
देश के लोगों ने केंद्र में एक मजबूत सरकार बनाई है. इस बार सरकार बनाने में महिलाओं की काफी अहम भूमिका रही. सबसे ज्यादा महिला सांसद इसी बार चुनकर आई है. सबसे ज्यादा महिला मतदाताओं ने इसी चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग किया. उम्मीद की जा रही थी कि सरकार कुछ राहत देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एक मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश को चलाने में देश के करदाताओं काफी अहम भूमिका होती है. इसलिए वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में देश के करदाताओं का शुक्रिया अदा किया.
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