दिल्ली विधानसभा में विधायक (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के विधायकों का जल्द ही वेतन चार गुना से भी ज़्यादा बढ़ सकता है। इस मुद्दे पर जो एक्पर्ट कमिटी बनाई गई थी उसने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी है। अब विधानसभा अध्यक्ष इसको वेतनभत्तों से जुड़ी विधानसभा की समिति के पास भेजेंगे। यह समिति इस रिपोर्ट पर अपनी राय विधानसभा को भेजेगी और विधानसभा में प्रस्तुत की जाएगी।
इस पर तब यह आधिकारिक रूप से सरका के पास विचार के लिए आएगी। सरकार तब इस पर अपनी राय देगी। इसके बाद सरकार इस संबंध वर्तमान कानून में संशोधन को बिल पेश करेगी। सदन से पारित होने के बाद यह एलजी के पास भेजा जाएगा। क्योंकि यह मामला पैसे से जुड़ा है इसलिए एलजी और गृहमंत्रालय इस पर अपनी राय या कहें तो फैसला देंगे।
वर्तमान में रिपोर्ट में की गई सिफारिश की अगर मानी गई तो दिल्ली के विधायकों की चांदी हो जाएगी। उन्हें कम से कम 225000 रुपये प्रतिमाह की गारंटी तो रहेगी।
मूल वेतन 50,000 रुपये तक हो सकता है
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के विधायकों का मूल वेतन 50,000 रुपये तक हो सकता है जो अभी 12,000 है। इसके अलावा विधानसभा भत्ता 18,000 से बढ़ाकर 50,000 करने की सिफारिश है।
सचिवालय भत्ता भी 10,000 से बढ़ाकर 70,000 करने को कहा गया है। दफ्तर किराया भी 15000 से बढ़ाकर 25000 करने की सिफारिश है।
विधानसभा सत्र के दौरान दैनिक भत्ता भी 1000 रुपये प्रतिदिन से 2000 रुपये प्रतिदिन करने की सिफारिश की गई है। यह भत्ता विधानसभा की कार्यवाही के दौरान उपस्थित विधायकों को दिया जाता है।
पहले जहां चार लाख तक का कार लोन मिल सकता था, अब 12 लाख की सिफारिश है। पेंशन भी 7500 से बढ़ाकर 15000 करने की बात है।
परिवहन भत्ता भी 5 गुना बढ़ाकर 30,000 रुपये करने की सिफारिश है।
आपको बता दें कि जुलाई के महीने में आप विधायकों ने वेतन भत्ता बढ़ाने की मांग की थी जिसके बाद दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी अचारी के नेतृत्व में एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई थी जिसने अब अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
इस पर तब यह आधिकारिक रूप से सरका के पास विचार के लिए आएगी। सरकार तब इस पर अपनी राय देगी। इसके बाद सरकार इस संबंध वर्तमान कानून में संशोधन को बिल पेश करेगी। सदन से पारित होने के बाद यह एलजी के पास भेजा जाएगा। क्योंकि यह मामला पैसे से जुड़ा है इसलिए एलजी और गृहमंत्रालय इस पर अपनी राय या कहें तो फैसला देंगे।
वर्तमान में रिपोर्ट में की गई सिफारिश की अगर मानी गई तो दिल्ली के विधायकों की चांदी हो जाएगी। उन्हें कम से कम 225000 रुपये प्रतिमाह की गारंटी तो रहेगी।
मूल वेतन 50,000 रुपये तक हो सकता है
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के विधायकों का मूल वेतन 50,000 रुपये तक हो सकता है जो अभी 12,000 है। इसके अलावा विधानसभा भत्ता 18,000 से बढ़ाकर 50,000 करने की सिफारिश है।
सचिवालय भत्ता भी 10,000 से बढ़ाकर 70,000 करने को कहा गया है। दफ्तर किराया भी 15000 से बढ़ाकर 25000 करने की सिफारिश है।
विधानसभा सत्र के दौरान दैनिक भत्ता भी 1000 रुपये प्रतिदिन से 2000 रुपये प्रतिदिन करने की सिफारिश की गई है। यह भत्ता विधानसभा की कार्यवाही के दौरान उपस्थित विधायकों को दिया जाता है।
पहले जहां चार लाख तक का कार लोन मिल सकता था, अब 12 लाख की सिफारिश है। पेंशन भी 7500 से बढ़ाकर 15000 करने की बात है।
परिवहन भत्ता भी 5 गुना बढ़ाकर 30,000 रुपये करने की सिफारिश है।
आपको बता दें कि जुलाई के महीने में आप विधायकों ने वेतन भत्ता बढ़ाने की मांग की थी जिसके बाद दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी अचारी के नेतृत्व में एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई थी जिसने अब अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
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