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This Article is From Apr 27, 2011

सत्य साईं बाबा को दी गई महासमाधि

पुट्टपर्थी: सत्य साईं बाबा का बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। 9 पवित्र नदियों के पानी के छींटों और मंत्रोच्चार के साथ उन्हें समाधि दी गई। इस दौरान सर्वधर्म प्रार्थना भी आयोजित हुई। अनुयायी मानते हैं कि सत्य साईं बाबा को सिद्धि प्राप्त थी, इसलिए चारों वेदों के मंत्रों के जाप के साथ-साथ गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कावेरी जैसी 9 पवित्र नदियों के जल का इस्तेमाल किया गया। यही नहीं 9 ग्रहों के प्रतीक 9 बेशकीमती पत्थरों से सजाकर 9 तरह का अनाज उनकी समाधि में रखा गया। कुलवंत हॉल के तीन गुंबदों में से तीसरे गुंबद के ठीक नीचे जहां सत्य साईं बाबा प्रवचन किया करते थे, वहीं उनकी समाधि बनाई गई है। आश्रम के अंदर जैसे ही अंतिम संस्कार शुरू हुआ, प्रशांति निलयम के बाहर पुलिस कर्मियों ने बाबा को बंदूकों की सलामी दी। बाबा के भतीजे आरजे रत्नाकर ने पार्थिव शरीर पर पवित्र जल छिड़कने जैसी परम्पराएं पूरी की।वैदिक पंडितों द्वारा अंतिम विधि संपन्न किए जाने के बाद सुबह करीब पौने 10 बजे लाल पर्दे डाल दिए गए और प्रशांति निलयम के साईं कुलवंत हॉल में उसी स्थान पर समाधि की प्रक्रिया शुरू की गई, जहां से सत्य साईं सालों से अपने भक्तों को उपदेश देते आ रहे थे। समाधि देने की प्रक्रिया करीब 25 मिनट तक चली। जिस स्थान पर सत्य साईं को समाधि दी गई है, वहां उनका स्मारक बनाया जा सकता है। केवल 14 साल की उम्र में स्वयं को शिरडी साईं बाबा का अवतार घोषित करने वाले साई बाबा ने जहां अपने चाहने वालों को अनेक तरह के चमत्कार दिखाए, वहीं उनके द्वारा संचालित ट्रस्ट ने अनेक स्कूलों, अस्पतालों आदि की स्थापना की और उनके नाम से कई विकास और परोपकार के कार्य किए जा रहे हैं। सत्य साईं बाबा ने गत रविवार को सुबह के समय अपनी देह त्यागी। इससे पहले वह करीब एक माह से अस्वस्थ थे और उनके शरीर के प्रमुख अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। बाबा को 28 मार्च को हृदय और श्वसन संबंधी समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले दो दिन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अनेक दलों के नेताओं, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा क्रिकेट, उद्योग जगत और विविध क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों और आम जनता ने पुट्टपर्थी में बाबा के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। माना जा रहा है कि देश और विदेश के करीब पांच लाख लोग अपने आध्यात्मिक गुरु के अंतिम दर्शन के लिए पुट्टपर्थी पहुंचे। अंतिम संस्कार की विधि के बाद डाले गए पर्दों को 40 मिनट बाद हटा दिया गया और मौजूद लोगों ने सत्य साईं की समाधि के दर्शन किए। इससे पहले 9 बजने से कुछ समय पूर्व ही कांच के उस पात्र को हटा लिया गया, जिसमें सत्य साईं की पार्थिव देह रविवार रात से अंतिम दर्शन के लिए रखी हुई थी। इसके बाद बाबा के पार्थिव शरीर को कुछ समय के लिए तिरंगे में लपेटा गया। आंध्र प्रदेश सशस्त्र पुलिस के जवानों ने सत्य साईं की अंतिम विदाई के मौके पर सम्मान में हवा में 21 गोलियां चलाईं। इसके बाद तिरंगे को हटा लिया गया और हिन्दू, ईसाई, मुस्लिम, सिख, यहूदी व बौद्ध धर्म के धर्मगुरुओं व संतों ने अपने-अपने धर्मग्रंथों के मंत्रों, छंदों का पाठन किया। इसके बाद उन्होंने समाधि स्थल पर विभूति छिड़की और मंगल आरती की गई। साईं बाबा की पार्थिव देह उनके पसंदीदा भगवा रंग के परिधान में लिपटी थी और भतीजे रत्नाकर ने अंतिम संस्कार संपन्न कराया। वैदिक मंत्रोच्चार के समय रत्नाकर अपने आंसू नहीं रोक सके और रो पड़े। रत्नाकर 40 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति वाले सत्य साईं केंद्रीय ट्रस्ट के सदस्य हैं और माना जा रहा है कि वह इस ट्रस्ट के प्रमुख पद के दावेदार हैं। साईं बाबा के अंतिम संस्कार के समय उनके पार्थिव शरीर पर पवित्र नदियों के जल के साथ ही गौ-मूत्र छिड़का गया। विधि संपन्न कराने वाले पुजारियों को गोदान के साथ शहद, घी और रेशम का दान किया गया। अंतिम संस्कार के बाद हॉल में मौजूद लोग समाधि के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। अंतिम संस्कार में बाबा के पारिवारिक सदस्यों, सत्य साईं केंद्रीय न्यास के सदस्यों व अधिकारियों, बाबा के करीबी शिष्यों और विशिष्ट व्यक्तियों सहित केवल 600 लोगों ने हिस्सा लिया। इसके पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पंजाब के राज्यपाल शिवराज पाटिल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन, मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और आंध्र प्रदेश व कर्नाटक के कई मंत्रियों ने बाबा को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।  हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मंगलवार मध्य रात्रि तक बाबा का अंतिम दर्शन किया। साईं बाबा (85) का रविवार को निधन हो गया था।(इनपुट एजेंसियों से भी)

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