सहारनपुर के दौरे पर गई थीं मायावती
लखनऊ:
यूपी के सहारनपुर में बुधवार को फिर भड़की हिंसा के मामले में अभी तक 24 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. दलितों और राजपूतों के बीच 3 हफ्तों में चौथी बार हिंसा भड़क उठी, जिसमें एक शख़्स की मौत हो गई है और छह लोग घायल हुए हैं. कई घरों में तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई है. बीएसपी अध्यक्ष मायावती की रैली के बाद लौट रहे दलितों की गाड़ी पर भी हमला किया गया. ताज़ा हिंसा के लिए बीजेपी ने मायावती को ज़िम्मेदार ठहराया है. इस बीच गृह सचिव आईजी एसटीएफ समेत कई बड़े अधिकारियों को सहारनपुर भेजा गया है.
यूपी के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस पर कहा कि सहारनपुर में अमन और शांति कायम हो गई थी. मायावती अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने गईं.
वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद सहारनपुर में घटी घटना को दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घटना में मृत युवक के प्रति शोक संवेदना प्रकट की है. उन्होंने कहा है कि इस घटना के दोषी व्यक्तियों को चिन्ह्ति कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में जो लापरवाही घटित हुई है, उससे संबंधित अधिकारियों को दंडित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने धैर्य व संयम बनाए रखने के साथ-साथ विपक्षी दलों सहित सभी लोगों से शान्ति बहाली में सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि यह सरकार सबकी है. जाति, पंथ, मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.
सहारनपुर में बार-बार भड़क रही हिंसा कानून व्यवस्था पर तो सवाल उठा रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि क्या प्रशासन पर कोई जबाव है क्या. सहारनपुर में ही कुछ दिनों पहले बीजेपी विधायक और सांसद की अगुवाई में शहर के एसएसपी के घर पर हमला बोला गया था. जब पुलिस वाले सुरक्षित नहीं तो फिर आम आदमी या दलितों की सुरक्षा की कितनी उम्मीद की जाए.
यूपी के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस पर कहा कि सहारनपुर में अमन और शांति कायम हो गई थी. मायावती अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने गईं.
वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद सहारनपुर में घटी घटना को दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घटना में मृत युवक के प्रति शोक संवेदना प्रकट की है. उन्होंने कहा है कि इस घटना के दोषी व्यक्तियों को चिन्ह्ति कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में जो लापरवाही घटित हुई है, उससे संबंधित अधिकारियों को दंडित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने धैर्य व संयम बनाए रखने के साथ-साथ विपक्षी दलों सहित सभी लोगों से शान्ति बहाली में सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि यह सरकार सबकी है. जाति, पंथ, मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.
सहारनपुर में बार-बार भड़क रही हिंसा कानून व्यवस्था पर तो सवाल उठा रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि क्या प्रशासन पर कोई जबाव है क्या. सहारनपुर में ही कुछ दिनों पहले बीजेपी विधायक और सांसद की अगुवाई में शहर के एसएसपी के घर पर हमला बोला गया था. जब पुलिस वाले सुरक्षित नहीं तो फिर आम आदमी या दलितों की सुरक्षा की कितनी उम्मीद की जाए.
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