सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय को अभी कुछ दिन और जेल में रहना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट में निवेशकों का 20 हजार करोड़ रुपया लौटाने से जुड़े मामले की कल होने वाली सुनवाई टल गई है।
जस्टिस केएस राधाकृष्णन और जस्टिस जेएस खेहड़ की पीठ ने सात मार्च को सहारा समूह से कहा था कि निवेशकों का 20 हजार करोड़ रुपये जमा करने के बारे में ‘सम्मानजनक प्रस्ताव’ पेश किया जाए। कोर्ट ने इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई के लिए 11 मार्च की तारीख तय की थी।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर उपलब्ध मंगलवार की कार्यसूची में इसे सूची से हटाने और स्थगित करने की सूचना दी गई है। सुनवाई स्थगित किए जाने का कोई कारण नहीं बताया गया है। सहारा समूह के वकील ने भी इस पर आश्चर्य व्यक्त किया है। सहारा समूह इस मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध कराने के लिए मंगलवार सुबह किसी उचित पीठ के समक्ष इसका उल्लेख कर सकते हैं।
इससे पहले, विशेष पीठ ने निवेशकों का धन लौटाने के बारे में पेश सहारा समूह के प्रस्ताव पर नाराजगी जताते हुए सुब्रत रॉय और समूह के दो निदेशकों रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी को 11 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। न्यायालय ने 2500 करोड़ रुपए तीन दिन के भीतर जमा कराने और शेष राशि का भुगतान पांच किस्तों में जुलाई 2015 के अंत तक करने के सहारा समूह के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
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