रयान इंटरनेशनल स्कूल.
गुरुग्राम:
प्रद्युमन के परिजनों की घोर आपत्ति के बाद यह फैसला लिया गया है कि रयान इंटरनेशनल स्कूल को 25 सितंबर तक बंद रखा जाएगा. प्रद्युमन के परिजनों ने आशंका जताई थी कि स्कूल खुलने पर महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट हो सकते हैं. गौरतलब है कि सात वर्षीय मासूम की स्कूल में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. स्कूल आज खुला था लेकिन उपस्थिति काफी कम रही. पीड़ित बालक के पिता के आपत्ति जताने के बाद जिला प्रशासन ने स्कूल को अगले हफ्ते सोमवार तक बंद रखने का फैसला किया.
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इस बीच प्रद्युमन की हत्या की जांच कर रही गुरूग्राम पुलिस कमजोर जांच को लेकर स्थानीय अदालत में बैकफुट पर रही. गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों को 29 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पीड़ित के पिता ने कड़ाई से कहा था कि जब तक मामला सीबीआई के हाथों में नहीं चला जाता तब तक स्कूल को नहीं खोला जाना चाहिए.
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उसके पिता ने कहा, ‘‘ जिला प्रशासन ने स्कूल फिर खोल दिया है, ऐसे में मान लीजिए अगर भीतर किसी भी तरह के साक्ष्य अभी मौजूद हैं तो उन्हें नष्ट किया जा सकता है. मैं जिला प्रशासन के फैसले पर जोरदार आपत्ति दर्ज करवाता हूं और प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिख इस मामले में दखल देने की मांग की है.’’ इससे पहले उन्होंने उपायुक्त विनय प्रताप सिंह को ईमेल लिखा था और उनसे इस फैसले पर पुन: विचार करने का अनुरोध किया था. परिवार के जोर देने पर उन्होंने स्कूल को 25 सितंबर तक बंद करने का फैसला किया.
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बता दें कि आज स्कूल खुला, लेकिन केवल 250 छात्र-छात्राएं ही आए जबकि कुल छात्रों की संख्या 1200 है. प्रशासन ने स्कूल को अगले तीन महीनों के लिए अपने हाथों में ले लिया है लेकिन अभिभावक अभी भी खौफ में हैं. सिंह ने कहा, ‘‘ हमने दस दिन के बाद स्कूल खोला लेकिन प्रद्युमन के परिवार ने घोर आपत्ति जताई जिसके बाद हमने उनकी चिंताओं के मद्देनजर स्कूल को बंद करने का फैसला लिया तथा अन्य सुरक्षा उपाय भी किए.’’ इससे पहले ठाकुर ने स्कूल खोलने के फैसले के बाद जिला प्रशासन की नीयत पर सवाल उठाए थे.
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इस संबंध में उन्होंने कहा था, ‘‘ प्रद्युमन हत्याकांड अब सीबीआई को सौंप दिया गया है, लेकिन एजेंसी ने अभी गुरूग्राम पुलिस एसआईटी से इस मामले को अपने हाथ में नहीं लिया है. इसलिए पूरी-पूरी संभावना है कि सबूत नष्ट किए जा सकते हैं, क्योंकि स्कूल का संचालन करने वाले शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी वही हैं. ’’ ठाकुर ने कहा था कि उन्होंने फैसला किया है कि प्रद्युमन की बहन अब रेयान इंटरनेशनल स्कूल नहीं जाएगी.
VIDEO: गुरुग्राम: कई लोग रायन स्कूल से अपने बच्चों का नाम कटाने पहुंचे
अदालत ने आज तीनों आरोपियों अशोक कुमार, फ्रांसिस थॉमस और जे थॉमस को 29 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
(इनपुट भाषा से)
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इस बीच प्रद्युमन की हत्या की जांच कर रही गुरूग्राम पुलिस कमजोर जांच को लेकर स्थानीय अदालत में बैकफुट पर रही. गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों को 29 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पीड़ित के पिता ने कड़ाई से कहा था कि जब तक मामला सीबीआई के हाथों में नहीं चला जाता तब तक स्कूल को नहीं खोला जाना चाहिए.
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उसके पिता ने कहा, ‘‘ जिला प्रशासन ने स्कूल फिर खोल दिया है, ऐसे में मान लीजिए अगर भीतर किसी भी तरह के साक्ष्य अभी मौजूद हैं तो उन्हें नष्ट किया जा सकता है. मैं जिला प्रशासन के फैसले पर जोरदार आपत्ति दर्ज करवाता हूं और प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिख इस मामले में दखल देने की मांग की है.’’ इससे पहले उन्होंने उपायुक्त विनय प्रताप सिंह को ईमेल लिखा था और उनसे इस फैसले पर पुन: विचार करने का अनुरोध किया था. परिवार के जोर देने पर उन्होंने स्कूल को 25 सितंबर तक बंद करने का फैसला किया.
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बता दें कि आज स्कूल खुला, लेकिन केवल 250 छात्र-छात्राएं ही आए जबकि कुल छात्रों की संख्या 1200 है. प्रशासन ने स्कूल को अगले तीन महीनों के लिए अपने हाथों में ले लिया है लेकिन अभिभावक अभी भी खौफ में हैं. सिंह ने कहा, ‘‘ हमने दस दिन के बाद स्कूल खोला लेकिन प्रद्युमन के परिवार ने घोर आपत्ति जताई जिसके बाद हमने उनकी चिंताओं के मद्देनजर स्कूल को बंद करने का फैसला लिया तथा अन्य सुरक्षा उपाय भी किए.’’ इससे पहले ठाकुर ने स्कूल खोलने के फैसले के बाद जिला प्रशासन की नीयत पर सवाल उठाए थे.
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इस संबंध में उन्होंने कहा था, ‘‘ प्रद्युमन हत्याकांड अब सीबीआई को सौंप दिया गया है, लेकिन एजेंसी ने अभी गुरूग्राम पुलिस एसआईटी से इस मामले को अपने हाथ में नहीं लिया है. इसलिए पूरी-पूरी संभावना है कि सबूत नष्ट किए जा सकते हैं, क्योंकि स्कूल का संचालन करने वाले शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी वही हैं. ’’ ठाकुर ने कहा था कि उन्होंने फैसला किया है कि प्रद्युमन की बहन अब रेयान इंटरनेशनल स्कूल नहीं जाएगी.
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अदालत ने आज तीनों आरोपियों अशोक कुमार, फ्रांसिस थॉमस और जे थॉमस को 29 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
(इनपुट भाषा से)
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