रूसी एस-400 मिसाइल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत और रूस के बीच शनिवार को 5 बिलियन डॉलर यानी करीब 33,500 करोड़ रुपये के रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर होंगे. इस समझौते के तहत रूस से भारत को जमीन से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइलों की आपूर्ति की जाएगी.
क्रेमलिन के अधिकरी यूरी उशकोव ने बताया, गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे. ब्रिक्स में चीन, रूस, ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.
एस-400 विमान रोधी मिसाइलों की खरीद को रक्षा मंत्रालय द्वारा दिसंबर में मंजूरी दी गई थी.
भारत द्वारा खरीदी जा रही 5 मिसाइलों से सामरिक महत्व के बड़े ठिकानों जिनमें परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों की सुरक्षा में मदद मिलेगी. ये मिसाइलें भारत के लिए एक तरह से मिसाइल शील्ड का भी काम करेंगी जो पाकिस्तान या चीन की परमाणु शक्ति संपन्न बैलेस्टिक मिसाइलों से सुरक्षा प्रदान करेगी.
दुनिया में जमीन से हवा में मार करने वाला सबसे आधुनिक मिसाइल सिस्टम माना जाने वाला एस-400, 400 किलोमीटर की रेंज में आने वाले विमानों और मिसाइलों को निशाना बना सकता है. इस मिसाइल सिस्टम का संवदेशनशील रडार स्टील्थ विमानों का भी पता लगाने में सक्षम माना जाता है. गौरतलब है कि स्टील्थ विमान प्राय: रडार की पकड़ में नहीं आते हैं.
क्रेमलिन के अधिकरी यूरी उशकोव ने बताया, गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे. ब्रिक्स में चीन, रूस, ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.
एस-400 विमान रोधी मिसाइलों की खरीद को रक्षा मंत्रालय द्वारा दिसंबर में मंजूरी दी गई थी.
भारत द्वारा खरीदी जा रही 5 मिसाइलों से सामरिक महत्व के बड़े ठिकानों जिनमें परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों की सुरक्षा में मदद मिलेगी. ये मिसाइलें भारत के लिए एक तरह से मिसाइल शील्ड का भी काम करेंगी जो पाकिस्तान या चीन की परमाणु शक्ति संपन्न बैलेस्टिक मिसाइलों से सुरक्षा प्रदान करेगी.
दुनिया में जमीन से हवा में मार करने वाला सबसे आधुनिक मिसाइल सिस्टम माना जाने वाला एस-400, 400 किलोमीटर की रेंज में आने वाले विमानों और मिसाइलों को निशाना बना सकता है. इस मिसाइल सिस्टम का संवदेशनशील रडार स्टील्थ विमानों का भी पता लगाने में सक्षम माना जाता है. गौरतलब है कि स्टील्थ विमान प्राय: रडार की पकड़ में नहीं आते हैं.
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