यह ख़बर 29 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

उप्र विधानसभा में हंगामा, बसपा सदस्यों का बहिर्गमन

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और सूबे की मौजूदा सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और सूबे की मौजूदा सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। बाद में बसपा सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।

विधानसभा में हंगामे के बीच बसपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है। अपने वादे पूरे करने में नाकाम होने के बाद अब सरकार लोगों को गुमराह कर रही है।

मौर्य ने कहा, "आगरा में निकाय चुनाव के दौरान महिलाओं को जिस तरह से पुलिसकर्मियों ने पीटा, उससे साफ है कि राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। इस तरह की तानाशाही नहीं चलने दी जाएगी।" इसके बाद बसपा के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए।

इससे पहले सदन में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कई आरोप लगाए।

लम्बे अवकाश के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को दिन में 11 बजे शुरू हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, "पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा हमारी सरकार को भुगतना पड़ रहा है। बसपा की सरकार ने सारा धन पार्को में लगा दिया। हमारी सरकार अब उन पार्कों में हरियाली लाने के लिए उचित कदम उठाएगी।"

गोमती नदी की सफाई के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि गोमती नदी के घाटों की सफाई जल्द ही कराई जाएगी। कई वर्षों से नदी की सफाई नहीं कराई गई है। हालत यह है कि बाढ़ के दौरान मुख्यमंत्री आवास के डूबने का खतरा बना हुआ है।

मुख्यमंत्री के अलावा लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव और नगर विकास मंत्री आजम खान ने भी पूर्ववर्ती बसपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।

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सरकार के आरोपों से नाराज बसपा के सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। बसपा सदस्यों ने सपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसके कार्यकाल में राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है और सपा सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। मौजूदा सत्र के दौरान तीन जुलाई को उत्तर प्रदेश का बजट पास होने वाला है।