आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
रांची:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने उपमन्यू हजारिका आयोग की उस रिपोर्ट पर देशव्यापी चर्चा का आह्वान किया जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ से असम की मूल जनसंख्या के 2047 तक अल्पसंख्यक बन जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हाल में हजारिका आयोग की रिपोर्ट ने असम और बंगाल में जनसांख्यिकीय स्थिति में परिवर्तन के बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी दी है। यदि यही प्रवृत्ति जारी रही तो भारतीयों की जनसंख्या कम हो जाएगी और विदेशी बढ़ जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में देशव्यापी चर्चा होनी चाहिए।
वैद्य ने कहा कि आरएसएस शुक्रवार से यहां शुरू हो रहे अपने तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक में ‘‘जनसंख्या वृद्धि में असंतुलन’’ पर व्यापक शोध करेगा और इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया जा सकता है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बैठक में हिस्सा लेने के लिए रांची में हैं।
भारत-बांग्लादेश सीमा को लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित एक सदस्यीय हजारिका आयोग ने इस सिफारिश के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपी थी कि उच्चतम न्यायालय बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को लेकर चिंता के मुद्दों की एक उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे जिससे असम की मूल जनसंख्या के 2047 तक अल्पसंख्यक बन जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और असम सरकारों को 5 नवम्बर को होने वाली अगली सुनवायी पर इस सिफारिश पर जवाब देने का निर्देश दिया है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हाल में हजारिका आयोग की रिपोर्ट ने असम और बंगाल में जनसांख्यिकीय स्थिति में परिवर्तन के बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी दी है। यदि यही प्रवृत्ति जारी रही तो भारतीयों की जनसंख्या कम हो जाएगी और विदेशी बढ़ जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में देशव्यापी चर्चा होनी चाहिए।
वैद्य ने कहा कि आरएसएस शुक्रवार से यहां शुरू हो रहे अपने तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक में ‘‘जनसंख्या वृद्धि में असंतुलन’’ पर व्यापक शोध करेगा और इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया जा सकता है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बैठक में हिस्सा लेने के लिए रांची में हैं।
भारत-बांग्लादेश सीमा को लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित एक सदस्यीय हजारिका आयोग ने इस सिफारिश के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपी थी कि उच्चतम न्यायालय बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को लेकर चिंता के मुद्दों की एक उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे जिससे असम की मूल जनसंख्या के 2047 तक अल्पसंख्यक बन जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और असम सरकारों को 5 नवम्बर को होने वाली अगली सुनवायी पर इस सिफारिश पर जवाब देने का निर्देश दिया है।
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