आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किसी के प्रति कोई घृणा न होने पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि संघ का उद्देश्य भारत में परिवर्तन तथा उसे बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के वास्ते देश में पूरे समाज को संगठित करना है, न कि केवल हिंदू समुदाय को. आरएसएस की शीर्ष निर्णय निर्धारण संस्था अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के मद्देनजर यहां बुद्धिजीवियों की सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज को एकजुट करना आवश्यक है और सभी वर्गों को एक साथ आगे बढ़ना चाहिए तथा आरएसएस इस दिशा में काम कर रही है.
भारत की विविधता की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा देश एक सूत्र से बंधा है. उन्होंने कहा, ‘भारत के लोग विविध संस्कृति, भाषाओं, भौगोलिक स्थानों के बावजूद खुद को एक मानते हैं.' भागवत ने कहा कि एकता के इस अनूठे अहसास के कारण मुस्लिम, पारसी और अन्य जैसे धर्मों से संबंधित लोग देश में सुरक्षित महसूस करते हैं. उन्होंने कहा, ‘पारसी भारत में काफी सुरक्षित हैं और मुस्लिम भी खुश हैं.'
Mohan Bhagwat, RSS: ...Maare-maare Yahudi (Jews) firte they akela Bharat hai jahan unko ashray mila. Parsion (Parsis) ki puja aur mool dharma sukrakshit kewal Bharat mein hai. Vishwa mein sarvadhik sukhi Musalman, Bharat mein milega. Ye kyun hai? Kyunki hum Hindu hain..." (12.10) pic.twitter.com/btO3Zdixgz
— ANI (@ANI) October 13, 2019
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उन्होंने कहा, 'यहूदी मारे-मारे फिरते थे, अकेले भारत है, जहां उन्हें आश्रय मिला. पारसियों की पूजा और मूल धर्म केवल भारत में सुरक्षित है. विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलमान भारत में मिलेगा. ये क्यूं है? क्योंकि हम हिंदू हैं.'
उन्होंने कहा, ‘हमारी किसी के प्रति कोई घृणा नहीं है. एक बेहतर समाज बनाने के लिए हमें एक साथ आगे बढ़ना चाहिए जो देश में बदलाव ला सकें और उसे विकास में मदद दे सकें. यह हमारी इच्छा है कि आरएसएस ठप्पा हट जाए और आरएसएस तथा समाज एक समूह के तौर पर काम करें. चलिए सारा श्रेय समाज को दें.'
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समाज में बदलाव लाने की दिशा में उन्होंने कहा कि सही तरीका यह है कि ऐसे उत्कृष्ट इंसान तैयार किये जाए जो समाज को बदलने तथा देश की कायापलट करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सके क्योंकि 130 करोड़ लोगों को एकसाथ बदलना मुमकिन नहीं होगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने कहा कि समाज में बदलाव लाना जरूरी है ताकि देश की किस्मत बदले और इसके लिए उत्कृष्ट इंसान तैयार करना आवश्यक है, ऐसा इंसान जिसका साफ-सुथरा चरित्र हो और जो प्रत्येक सड़क तथा शहर में नेतृत्व करने में सक्षम हो.
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