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This Article is From Sep 20, 2018

कभी समीक्षा की बात कहने वाले मोहन भागवत अब बोले- आरक्षण समस्या नहीं, आरक्षण की राजनीति समस्या

आरक्षण को लेकर देश में काफी समय से बहस जारी है.

कभी समीक्षा की बात कहने वाले मोहन भागवत अब बोले- आरक्षण समस्या नहीं, आरक्षण की राजनीति समस्या
आरक्षण पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान
नई दिल्ली: आरक्षण को लेकर देश में काफी समय से बहस जारी है. ऐसे आरोप लगते रहते हैं कि संघ यानी आरएसएस आरक्षण विरोधी संगठन है, मगर इस पर खुद राष्ट्रीय स्वंयसेवक सघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने स्पष्ट कर दिया है कि आरएसएस आरक्षण आरक्षण के समर्थन में है. उन्होंने कहा कि आरक्षण जारी रहना चाहिए और उनका संगठन आरक्षण व्यवस्था का समर्थन करता है. बुधवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस ने हमेशा आरक्षण व्यवस्था का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि आरक्षण कोई समस्या नहीं है, लेकिन आरक्षण की राजनीति समस्या है. 

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आरक्षण कब तक रहेगा? सवाल के जवाब में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि क्या आर्थिक आधार पर सामाजिक विषमता को हटा कर सबको बराबर का अधिकार संविधान में दिया गया है. संघ आरक्षण के पक्ष में है. जिन्हें दिया गया वे तय करेंगे कि उन्हें कब तक नहीं चाहिए. किसे मिले इस पर संविधान पीठ विचार कर रही है. आरक्षण समस्या नहीं है. आरक्षण पर राजनीति समस्या है.

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उन्होंने कहा, "समाजिक कलंक को मिटाने के लिए संविधान में प्रदत्त आरक्षण का आरएसएस पूरी तरह समर्थन करता है. आरक्षण कब तक दिया जाना चाहिए, यह निर्णय वही लोग करें, जिनके लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है. जब उन्हें लगे कि यह जरूरी नहीं है, तो वे इसका निर्णय लें." मोहन भागवत ने अपनी तीन दिवसीय व्याख्यान श्रंखला के समापन के मौके पर कहा, " इस व्यवस्था के प्रारंभ से आरएसएस का यही विचार है और यही विचार रहेगा."

उन्होंने कहा, "आरक्षण कोई समस्या नहीं है, समस्या आरक्षण की राजनीति से है. समाज का एक अंग पीछे छूट गया है, यह हमारे कर्मों का परिणाम है. इस 1000 साल पुरानी बीमारी को ठीक करने के लिए हमें 100-150 साल पीछे जाना होगा, और मैं नहीं समझता कि यह कोई महंगा सौदा है." ध्यान देने वाली बात है कि मोहन भागवत का यह ताजा रुख उनके 2015 के रुख से अलग है, जब उन्होंने सार्वजनिक तौर पर आरक्षण की नीतियों की समीक्षा की मांग की थी. 

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