मोहन भागवत का फाइल फोटो
नई दिल्ली/गोरखपुर:
आरक्षण की समीक्षा को जहां बीजेपी ने नकार दिया है, वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अपने बयान पर कायम हैं। एक हिंदी अख़बार के मुताबिक़ यूपी के गोरखपुर में मंगलवार संघ के एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि वे आरक्षण के विरोधी नहीं हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि जिनके लिए आरक्षण व्यवस्था बनी थी उनका जीवन स्तर अब भी नहीं सुधर सका है। इसलिए आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा होनी चाहिए और उस पर बहस होनी चाहिए। भागवत ने कहा कि जिन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिला है उन तक इसे पहुंचाना सुनिश्चित होना चाहिए। ये बयान बिहार चुनाव में बीजेपी के विरोधियों के लिए बड़ा हथियार साबित हो रहा है।
भाजपा के लिए बयान बना परेशानी
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले माह यह बयान देकर नए विवाद को जन्म दे दिया था कि आरक्षण व्यवस्था का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। इसलिए इस पर विचार करने का समय आ गया है। भागवत यही नहीं रुके थे। उन्होंने यह भी कहा था कि आरक्षण की जरूरत और समयसीमा को लेकर एक समिति बनाई जानी चाहिए। बिहार चुनाव के ठीक पहले आए इस बयान ने भाजपा को काफी परेशानी में डाल दिया था और स्वयं पीएम को इसे लेकर सफाई देनी पड़ी थी।
साथ ही उन्होंने कहा कि जिनके लिए आरक्षण व्यवस्था बनी थी उनका जीवन स्तर अब भी नहीं सुधर सका है। इसलिए आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा होनी चाहिए और उस पर बहस होनी चाहिए। भागवत ने कहा कि जिन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिला है उन तक इसे पहुंचाना सुनिश्चित होना चाहिए। ये बयान बिहार चुनाव में बीजेपी के विरोधियों के लिए बड़ा हथियार साबित हो रहा है।
भाजपा के लिए बयान बना परेशानी
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले माह यह बयान देकर नए विवाद को जन्म दे दिया था कि आरक्षण व्यवस्था का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। इसलिए इस पर विचार करने का समय आ गया है। भागवत यही नहीं रुके थे। उन्होंने यह भी कहा था कि आरक्षण की जरूरत और समयसीमा को लेकर एक समिति बनाई जानी चाहिए। बिहार चुनाव के ठीक पहले आए इस बयान ने भाजपा को काफी परेशानी में डाल दिया था और स्वयं पीएम को इसे लेकर सफाई देनी पड़ी थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं