भारतीय रेलवे चोर यात्रियों से परेशान
नई दिल्ली:
एक ओर जहां भारतीय रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर कुछ यात्री ऐसे भी हैं, जो रेलवे को ही चुना लगाने में कोई कोर कस नहीं छोड़ना चाहते हैं. बुलेट ट्रेन का सपना देखने वाले इस देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो ट्रेन में मौजूद मग, कंबल, टॉवल और चादर को भी नहीं छोड़ते और अपनी संपत्ति समझ घर ले जाते हैं. दरअसल, ट्रेनों के सामानों की चोरी के सिलसिले में पिछले वित्तीय वर्ष में वेस्टर्न रेलवे को ढाई करोड़ को चुना लगा है. वेस्टर्न रेलवे द्वारा संचालित ट्रेनों में से करीब 2.5 करोड़ रुपये की मूल्य के चादर समेत अन्य कई सामान चोरी किये गये हैं. इस राज पर से पर्दा उस वक्त उठा जब सोमवार को एक ट्रेन के एसी कोच से कंल और चादर चुराते हुए एक यात्री को कथित तौर पर गिरफ्तार किया गया.
एक रेलवे पुलिस अधिकारी के मुताबिक, सोमवार को मध्य प्रदेश के रतलाम रेलवे स्टेशन पर शब्बीर रोटीवाला को गिरफ्तार किया गया. उसके बैग से तीन कंबल, कई तकिये और 6 बेडशीट बरामद किये गए. आरोपी चोर बांद्रा-अमृतसर पश्चिम एक्सप्रेस से उतरा था.
पिछले साढ़े तीन वर्षों में ट्रेनों में यात्रियों के सामान चोरी की 55,369 घटनाएं हुईं
वेस्टर्न रेलवे द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 वित्तीय वर्ष में ट्रेनों में यात्रियों द्वारा 1.95 लाख तौलिये, 81,736 बेडशीट्स, 55,573 तकिया के कवर, 5,038 तकिया और 7,043 कंबल चोरी किये गये. वेस्टर्न रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, "पैसे के मामले में, वेस्टर्न रेलवे को पिछले वित्त वर्ष में 2.5 करोड़ रुपये का चुना लगा है. जिनमें चादर, बेडशीट और कई सामान चोरी किये गये हैं और कई साज-सामानों का नुकसान भी हुआ है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी इन संपत्तियों का नुकसान यात्रियों द्वारा होता है तो कभी-कभी प्रदर्शनकारियों द्वारा.
अधिकारी ने आगे कहा कि पिछले 3 वित्तीय वर्षों में भारतीय रेलवे को 4000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जिनमें सबसे बड़ी वजह चोरी है. उन्होंने कहा कि बाथरूम के सामान भी चोरी हुए हैं. उन्होंने कहा, "मुंबई और गोवा के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन के शौचालयों में ब्रांडेड सामानों की यानी बाथ फिट्टिंग्स को लगाया गया था. मगर उनमें से भी चोरी कर लिये गये, जिसके बाद से ब्रांडेड और महंगे सामानों की जगह कम दाम के सामान को फिट किया गया.
उत्तर प्रदेश : महिला के ट्रेन से 9 लाख रुपये के आभूषण चोरी
उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी चादर और दूसरी ऐसी चीजों का नुकसान कोच अटेंडेंट को भरना पड़ता है जबकि बाथरूम के सामान की भरपाई रेलवे को करनी होती है. क्योंकि यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेवारी है कि यात्रियों को मुहैया कराए गये सारे सामान सुरक्षित वापस लौट आएं.
सेंट्रल रेलवे ने भी कहा कि यात्री यात्री ट्रेनों से चादर चुराते हैं. सेंट्रल रेलवे के एक अधिकारी द्वारा प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, सेंट्र्ल रेलवे द्वारा संचालित ट्रेनों में से यात्रियों ने इस वर्ष अप्रैल और सितंबर के बीच, 79,350 हाथ तौलिए, 27,545 बेडशीट, 21,050 तकिया कवर, 2,150 तकिए और 2,065 कंबल चुराए, जिनकी कीमत करीब 62 लाख रुपये होगी.
ट्रेन में चोरी हुआ था सामान, अदालत ने दिया इतने रुपये का मुआवजा
चोरी की इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए वेस्टर्न रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर रविंदर भाकर ने कहा कि हम यात्रियों को विश्व स्तरीय और आरामदायक सेवा प्रदान करना चाहते हैं, लेकिन ऐसे कार्य हमारे लिए चुनौती हैं.
VIDEO: अगस्त क्रांति राजधानी में लाखों की चोरी
एक रेलवे पुलिस अधिकारी के मुताबिक, सोमवार को मध्य प्रदेश के रतलाम रेलवे स्टेशन पर शब्बीर रोटीवाला को गिरफ्तार किया गया. उसके बैग से तीन कंबल, कई तकिये और 6 बेडशीट बरामद किये गए. आरोपी चोर बांद्रा-अमृतसर पश्चिम एक्सप्रेस से उतरा था.
पिछले साढ़े तीन वर्षों में ट्रेनों में यात्रियों के सामान चोरी की 55,369 घटनाएं हुईं
वेस्टर्न रेलवे द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 वित्तीय वर्ष में ट्रेनों में यात्रियों द्वारा 1.95 लाख तौलिये, 81,736 बेडशीट्स, 55,573 तकिया के कवर, 5,038 तकिया और 7,043 कंबल चोरी किये गये. वेस्टर्न रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, "पैसे के मामले में, वेस्टर्न रेलवे को पिछले वित्त वर्ष में 2.5 करोड़ रुपये का चुना लगा है. जिनमें चादर, बेडशीट और कई सामान चोरी किये गये हैं और कई साज-सामानों का नुकसान भी हुआ है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी इन संपत्तियों का नुकसान यात्रियों द्वारा होता है तो कभी-कभी प्रदर्शनकारियों द्वारा.
अधिकारी ने आगे कहा कि पिछले 3 वित्तीय वर्षों में भारतीय रेलवे को 4000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जिनमें सबसे बड़ी वजह चोरी है. उन्होंने कहा कि बाथरूम के सामान भी चोरी हुए हैं. उन्होंने कहा, "मुंबई और गोवा के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन के शौचालयों में ब्रांडेड सामानों की यानी बाथ फिट्टिंग्स को लगाया गया था. मगर उनमें से भी चोरी कर लिये गये, जिसके बाद से ब्रांडेड और महंगे सामानों की जगह कम दाम के सामान को फिट किया गया.
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उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी चादर और दूसरी ऐसी चीजों का नुकसान कोच अटेंडेंट को भरना पड़ता है जबकि बाथरूम के सामान की भरपाई रेलवे को करनी होती है. क्योंकि यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेवारी है कि यात्रियों को मुहैया कराए गये सारे सामान सुरक्षित वापस लौट आएं.
सेंट्रल रेलवे ने भी कहा कि यात्री यात्री ट्रेनों से चादर चुराते हैं. सेंट्रल रेलवे के एक अधिकारी द्वारा प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, सेंट्र्ल रेलवे द्वारा संचालित ट्रेनों में से यात्रियों ने इस वर्ष अप्रैल और सितंबर के बीच, 79,350 हाथ तौलिए, 27,545 बेडशीट, 21,050 तकिया कवर, 2,150 तकिए और 2,065 कंबल चुराए, जिनकी कीमत करीब 62 लाख रुपये होगी.
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चोरी की इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए वेस्टर्न रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर रविंदर भाकर ने कहा कि हम यात्रियों को विश्व स्तरीय और आरामदायक सेवा प्रदान करना चाहते हैं, लेकिन ऐसे कार्य हमारे लिए चुनौती हैं.
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