दिल्ली-मेरठ के बीच जल्द ही रैपिड ट्रेन चलेगी जो यात्रियों के सफर को बेह आसान बना देगी. ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप 2022 तक निर्मित हो जाएगा रीजनल रेल सेवाओं के संचालन के लिए 6 कोच के 30 ट्रेन सेट और मेरठ में स्थानीय परिवहन सेवाओं के लिए 3 कोच के 10 ट्रेन सेट खरीदे जाएंगे. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के सम्पूर्ण रोलिंग स्टॉक का निर्माण गुजरात में बॉम्बार्डियर के सावली प्लांट में किया जाएगा.दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ का 82 किमी लंबा जिसमें अभी तीन से चार घंटे का समय लगता है. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर के बनने के बाद केवल एक घंटे का रह जाएगा.
दिल्ली-मेरठ के रैपिड रेल की झलक। pic.twitter.com/6wtrAlZjSB
— Ravish Ranjan Shukla (@ravishranjanshu) September 25, 2020
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर के पहले चरण की शुरुआत 2023 में होगी और इसकी मदद से दिल्ली से मेरठ की दूरी महज 60 मिनट में तय होगी. इस ट्रेन को बांबर्डियर बना रहा है. यह कॉरिडोर दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा के समय को लगभग एक तिहाई कर देगा. गौरतलब है कि मौजूदा समय में सड़क मार्ग से दिल्ली से मेरठ तक का आवागमन समय 3-4 घंटे का समय लगता है लेकिन आरआरटीएस की मदद से यह दूरी 60 मिनट से भी कम मे तय की जा सकेगी.
साहिबाबाद से शताब्दी नगर (मेरठ) के बीच लगभग 50 KM लंबे खंड पर सिविल निर्माण कार्य जारी हैं. साथ ही गाजियाबाद, साहिबाबाद, गुलधर और दुहाई आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण कार्य भी पूरे जोरों पर है. साहिबाबाद से दुहाई के बीच के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड पर परिचालन 2023 से प्रस्तावित है जबकि पूरे कॉरिडोर को 2025 में जनता के लिए खोल दिया जाएगा. अन्य दो फेज़ आरआरटीएस कॉरिडोर, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी और दिल्ली-पानीपत हैं. दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर के लिए पूर्व-निर्माण गतिविधियां जारी हैं और इसकी डीपीआर भारत सरकार के विचारधीन है, वहीं दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर की डीपीआर संबंधित राज्य सरकारों के विचारधीन है.
प्रॉपर्टी इंडिया : यूपी की सड़कों का होगा कायाकल्प
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं