फाइल फोटो : रॉबर्ट वाड्रा
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने अपने फेसबुक कमेंट पर लोकसभा सचिवालय के नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि बोलना मेरा मौलिक अधिकार है, लेकिन उनके मन में संसद के लिए सर्वोच्च सम्मान है। वाड्रा ने आगे कहा, उनके मन में सदन के लिए अनादर की भावना नहीं थी। वाड्रा के जवाब पर अब लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन फैसला लेंगी।
दरअसल, रॉबर्ट वाड्रा से लोकसभा सचिवालय ने फेसबुक की उस टिप्पणी पर सफाई मांगी थी, जो उन्होंने भाजपा के खिलाफ की थी। भाजपा सांसदों ने वाड्रा के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव का इस्तेमाल करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने 'संसद की छवि को धूमिल' करने की कोशिश की है।
इस प्रस्ताव के बाद लोकसभा सचिवालय ने वाड्रा से सफाई मांगी, जिसके बाद स्पीकर चाहे तो मामले को विशेषाधिकार समिति की तरफ बढ़ा सकता है।
वाड्रा की फेसबुक पोस्ट कुछ इस तरह थी "संसद के शुरु होते ही इनकी घटिया राजनीतिक चालें शुरु हो गई हैं। भारत के लोग बेवकूफ़ नहीं है, अफसोस है कि भारत का नेतृत्व आज इस तरह के नेताओं के हाथ में है।"
दरअसल, रॉबर्ट वाड्रा से लोकसभा सचिवालय ने फेसबुक की उस टिप्पणी पर सफाई मांगी थी, जो उन्होंने भाजपा के खिलाफ की थी। भाजपा सांसदों ने वाड्रा के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव का इस्तेमाल करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने 'संसद की छवि को धूमिल' करने की कोशिश की है।
इस प्रस्ताव के बाद लोकसभा सचिवालय ने वाड्रा से सफाई मांगी, जिसके बाद स्पीकर चाहे तो मामले को विशेषाधिकार समिति की तरफ बढ़ा सकता है।
वाड्रा की फेसबुक पोस्ट कुछ इस तरह थी "संसद के शुरु होते ही इनकी घटिया राजनीतिक चालें शुरु हो गई हैं। भारत के लोग बेवकूफ़ नहीं है, अफसोस है कि भारत का नेतृत्व आज इस तरह के नेताओं के हाथ में है।"
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