प्रतीकात्मक तस्वीर
दिल्ली में चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों के बीच राम मनोहर लोहिया अस्पताल का यूनानी मेडिसिन विभाग इस मर्ज से पीड़ित मरीजों को एक विशेष किट दे रहा है जिसका 90 दिन का कोर्स करने से जोड़ों में होने वाला दर्द पूरी तरह से चला जाएगा.
चिकनगुनिया मच्छर के काटने से होने वाला मर्ज है जिसमें किसी व्यक्ति को तेज बुखार और जोड़ों में दर्द होता है. यह दर्द किसी व्यक्ति को अरसे तक रह सकता है.
ऐसे में आरएमएल अस्पताल के यूनानी मेडिसिन विभाग ने विभिन्न यूनानी दवाइयों की विशेष किट तैयारी की है जिसमें बुखार से लेकर जोड़ों के दर्द तक की दवाई शामिल है जिनका तीन महीने तक सेवन करने से चिकनगुनिया के दुष्प्रभाव शरीर से निकल जाएंगे और जोड़ो का दर्द भी खत्म हो जाएगा.
अस्पताल के यूनानी विभाग के प्रमुख डॉ सैयद अहमद खान ने कहा, ‘‘हमारे विभाग ने चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों के लिए एक विशेष किट तैयार की है. इस किट में हब्बे असगन, हब्बे सूरनजान, माजून चौबचीनी और खमीरा मारवारीद है।’’ उन्होंने कहा कि इस किट के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं.
डॉ खान ने कहा, ‘‘चिकनगुनिया में जोड़ों में सूजन आ जाती है और किसी को जोड़ों में लंबे अरसे तक दर्द रह सकता है और इन लक्षणों में अन्य पद्धतियों में पेन किलर और एंटीबायोटिक दी जाती है, जिनको ज्यादा वक्त तक लेने पर जिगर पर असर हो सकता है और पेट में गर्मी हो सकती है.
उन्होंने कहा, ‘‘90 दिनों तक इस किट में शामिल दवाओं का सेवन करने से शरीर पर पड़े चिकनगुनिया के सभी दुष्प्रभाव पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे और व्यक्ति का जोड़ों का दर्द भी खत्म हो जाता है और यह दोबारा नहीं होगा.’’ यूनानी विभाग के प्रमुख ने कहा कि दवा का असर सात दिन में दिखने लगेगा.
डॉक्टर खान ने कहा कि अगर परीक्षण में चिकनगुनिया होने की पुष्टि नहीं होती है लेकिन लक्षण इस सरीखे हैं जैसे बुखार के अलावा जोड़ों में दर्द आदि तो रोगी को यूनानी पद्धति से इसका इलाज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन दिनों उनके विभाग में आने वाले मामलों में 40 फीसदी मामले जोड़ों के दर्द के हैं और ऐसे व्यक्तियों के हैं जिन्हें पहले यह शिकायत नहीं थी.
डॉ खान ने कहा कि चिकनगुनिया के मरीज को कम से कम तीन दिन तो जरूर आराम करना चाहिए और जितना हो सके तरल पदार्थ लेना चाहिए. गौरतलब है कि 27 अगस्त तक औपचारिक तौर पर चिकनगुनिया के 423 मामले रिपोर्ट हुए हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चिकनगुनिया मच्छर के काटने से होने वाला मर्ज है जिसमें किसी व्यक्ति को तेज बुखार और जोड़ों में दर्द होता है. यह दर्द किसी व्यक्ति को अरसे तक रह सकता है.
ऐसे में आरएमएल अस्पताल के यूनानी मेडिसिन विभाग ने विभिन्न यूनानी दवाइयों की विशेष किट तैयारी की है जिसमें बुखार से लेकर जोड़ों के दर्द तक की दवाई शामिल है जिनका तीन महीने तक सेवन करने से चिकनगुनिया के दुष्प्रभाव शरीर से निकल जाएंगे और जोड़ो का दर्द भी खत्म हो जाएगा.
अस्पताल के यूनानी विभाग के प्रमुख डॉ सैयद अहमद खान ने कहा, ‘‘हमारे विभाग ने चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों के लिए एक विशेष किट तैयार की है. इस किट में हब्बे असगन, हब्बे सूरनजान, माजून चौबचीनी और खमीरा मारवारीद है।’’ उन्होंने कहा कि इस किट के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं.
डॉ खान ने कहा, ‘‘चिकनगुनिया में जोड़ों में सूजन आ जाती है और किसी को जोड़ों में लंबे अरसे तक दर्द रह सकता है और इन लक्षणों में अन्य पद्धतियों में पेन किलर और एंटीबायोटिक दी जाती है, जिनको ज्यादा वक्त तक लेने पर जिगर पर असर हो सकता है और पेट में गर्मी हो सकती है.
उन्होंने कहा, ‘‘90 दिनों तक इस किट में शामिल दवाओं का सेवन करने से शरीर पर पड़े चिकनगुनिया के सभी दुष्प्रभाव पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे और व्यक्ति का जोड़ों का दर्द भी खत्म हो जाता है और यह दोबारा नहीं होगा.’’ यूनानी विभाग के प्रमुख ने कहा कि दवा का असर सात दिन में दिखने लगेगा.
डॉक्टर खान ने कहा कि अगर परीक्षण में चिकनगुनिया होने की पुष्टि नहीं होती है लेकिन लक्षण इस सरीखे हैं जैसे बुखार के अलावा जोड़ों में दर्द आदि तो रोगी को यूनानी पद्धति से इसका इलाज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन दिनों उनके विभाग में आने वाले मामलों में 40 फीसदी मामले जोड़ों के दर्द के हैं और ऐसे व्यक्तियों के हैं जिन्हें पहले यह शिकायत नहीं थी.
डॉ खान ने कहा कि चिकनगुनिया के मरीज को कम से कम तीन दिन तो जरूर आराम करना चाहिए और जितना हो सके तरल पदार्थ लेना चाहिए. गौरतलब है कि 27 अगस्त तक औपचारिक तौर पर चिकनगुनिया के 423 मामले रिपोर्ट हुए हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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