यह ख़बर 02 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

रालोद-सपा में जुबानी जंग, सियासी पारा गरमाया

खास बातें

  • लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैं, उत्तर प्रदेश की सियासत में राजनीतिक दल अपने विरोधियों को ढूंढ़-ढूंढ़कर उनपर निशाना साध रहे हैं।
लखनऊ:

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैं, उत्तर प्रदेश की सियासत में राजनीतिक दल अपने विरोधियों को ढूंढ़-ढूंढ़कर उनपर निशाना साध रहे हैं। बेनी-मुलायम प्रकरण के बाद अब रालोद-सपा के बीच तकरार जारी है। सपा ने मुलायम सिंह को चौधरी चरण सिंह का असली 'राजनीतिक वारिस' क्या कह दिया, रालोद ने पलटवार में कहा कि चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक विरासत के दावेदार बनने वाले लोगों को चौधरी साहब की नीतियां भी याद नहीं रह गई हैं।

रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा, "आय से अधिक संपत्ति के मामले के साथ-साथ कई घोटालों में सीबीआई जांच के दायरे में आने वाले मुलायम सिंह किस मुंह से चौधरी साहब का उत्तराधिकारी होने का दावा कर रहे हैं। उन्हें शायद चौधरी साहब की ईमानदारी भी याद नहीं है।"

चौहान ने कहा कि प्रदेश से लेकर केंद्र तक कई बार मंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री होने के बावजूद चौधरी साहब के निधन के बाद उनकी संपत्ति के नाम पर मात्र एक पुरानी फिएट कार और बैंक में चार सौ रुपये थे।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

चौहान ने कहा कि चौधरी साहब के बेटे अजित सिंह को धोखेबाज कहने वालों को अपने गिरेहबान में झांकना चाहिए। सपा मुखिया मुलायम सिंह के राजनीति में आने के बाद से ही जिसने भी उनको विधायक, नेता विरोधी दल, मंत्री व मुख्यमंत्री बनाया उन्होंने ऐसे दर्जनों नेताओं को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को भी अपनी भाषा संयमित रखना चाहिए जो दूसरों का बस्ता ढो रहे हैं और अपना स्तर भूलकर नौकरी बचाने के चक्कर में अजित सिंह के विरुद्ध टिप्पणी करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।