यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे राजेन्द्र के पचौरी ने जलवायु परिवर्तन पर अन्तर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पैनल की नैरोबी में चल रही बैठक में पचौरी ने हिस्सा नहीं लिया। आईपीसीसी के मंगलवार से शुरू हुए तीन दिन के 41वें सत्र में पचौरी के इस्तीफा देने के फैसले का ऐलान किया गया।
दरअसल टेरी की एक महिला कर्मचारी ने पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पचौरी इस संगठन के प्रमुख हैं। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को पचौरी (74) को 26 फरवरी तक गिरफ्तारी से अंतरिम छूट दे दी थी। पिछले सप्ताह पचौरी ने आईपीसीसी के पूर्ण सत्र की अध्यक्षता करने के लिए नैरोबी जाने में असमर्थता प्रकट की थी। इससे पूर्व दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया था।
आईपीसीसी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘जलवायु परिवर्तन पर अन्तर सरकारी पैनल के ब्यूरो ने मंगलवार को अपनी प्रक्रिया के अनुरूप उपाध्यक्ष इस्माइल इल गिजौली को संगठन का कार्यवाहक प्रमुख बनाने का फैसला किया।’ इसके अनुसार, ‘राजेन्द्र के पचौरी द्वारा आईपीसीसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद गिजौली को नया पदभार सौंपने का फैसला मंगलवार से प्रभावी होगा।’
ब्यूरो की बैठक का आयोजन करने वाले संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक अचिम स्टीनर ने कहा, ‘आज किए गए फैसले यह सुनिश्चित करेंगे कि जलवायु परिवर्तन का आकलन करने का आईपीसीसी का मिशन निर्बाध चलता रहे।’ स्टीनर ने कहा, ‘हम इस सप्ताह नैरोबी में उपयोगी सत्र के प्रति आशान्वित हैं।’ आईपीसीसी प्रमुख सहित नए ब्यूरो का चुनाव अक्टूबर 2015 में होने वाले आईपीसीसी के 42वें सत्र में होने का कार्यक्रम पहले से ही तय है। विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
पचौरी दो बार इस पैनल के प्रमुख रहे। उन्हें अप्रैल 2002 में पहली बार अध्यक्ष बनाया गया। आईपीसीसी के प्रमुख के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल अक्टूबर में समाप्त होने वाला था।
पचौरी के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान ही संगठन को 2007 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया।
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