नीतीश को आमंत्रित करने के राज्‍यपाल के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में RJD की याचिका, सोमवार को सुनवाई

कोर्ट ने याचिका तो मंजूर कर ली लेकिन विश्‍वास मत पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

नीतीश को आमंत्रित करने के राज्‍यपाल के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में RJD की याचिका, सोमवार को सुनवाई

फाइल फोटो

खास बातें

  • नीतीश कुमार के विश्‍वास मत को रोकने से कोर्ट का इनकार
  • सोमवार को कोर्ट राजद की याचिका पर करेगा सुनवाई
  • नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर बनाई सरकार
पटना:

नीतीश कुमार को बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्‍यपाल के फैसले के खिलाफ राजद ने पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस याचिका में शुक्रवार को नीतीश कुमार के विश्‍वास मत पर रोक लगाने की मांग की गई थी. कोर्ट ने याचिका तो मंजूर कर ली लेकिन विश्‍वास मत पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने अगले सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है. इस बीच बिहार में एनडीए की नई सरकार को शुक्रवार को विधानसभा में बहुमत साबित करना है. इसके लिए वह विधानसभा पहुंच चुके हैं. वहीं विधानसभा के बाहर RJD और कांग्रेस का प्रदर्शन जारी है. वे नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. विधानसभा के अंदर भी जबरदस्त हंगामा हो रहा है.

यह भी पढ़ें- विधानसभा में ऐसे हासिल किया जाता है विश्वास मत, ये हैं 3 तरीके

जेडीयू केसी त्यागी का कहना है कि हम विश्वासमत हासिल करके सबको चकित कर देंगे. इससे पहले बुधवार देर रात को नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं के साथ राज्यपाल को 132 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा था, जिसमें जेडीयू के 71, बीजेपी के 53, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के 2, एलजेपी के 2, जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' के 1 और 3 निर्दलीय विधायक शामिल हैं.

यह भी पढ़ें :रामविलास पासवान ने कहा- नीतीश कुमार बीजेपी के स्वाभाविक सहयोगी​

बदलता सियासी घटनाक्रम
उल्‍लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने बुधवार की शाम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके साथ ही 20 महीने पुरानी महागठबंधन सरकार अचानक गिर गई. भाजपा के समर्थन से गुरुवार को नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वह छठी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं. वहीं, भाजपा के सुशील कुमार मोदी ने उप मुख्‍यमंत्री शपथ ली.

VIDEO- वाह रे राजनीति!

नीतीश के इस्तीफे का कारण राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी के साथ नीतीश की तनातनी को माना जा रहा है. जदयू का कहना है कि तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लेकिन नीतीश के कहने के बावजूद उन्होंने इन आरोपों का तथ्यात्मक जवाब नहीं दिया. वहीं, लालू का कहना है कि आरोप निराधार है, तेजस्वी सीबीआई को जवाब देंगे, नीतीश सीबीआई के निदेशक नहीं हैं. जबकि नीतीश का कहना है कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com