प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने खुदरा एवं थोक व्यापार (Retail and wholesale business) को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (MSME) के तहत लाने के फैसले को शनिवार को ‘‘ऐतिहासिक'' करार दिया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस समुदाय को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने के फैसले के कारण खुदरा और थोक व्यापारियों को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा. केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने की शुक्रवार को घोषणा की थी. इससे ये क्षेत्र भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत ऋण का लाभ उठा सकेंगे.
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Our government has taken a landmark step of including retail and wholesale trade as MSME. This will help crores of our traders get easier finance, various other benefits and also help boost their business.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 3, 2021
We are committed to empowering our traders. https://t.co/FTdmFpaOaU
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी सरकार ने खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई में शामिल करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है. इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने में मदद मिलेगी. उन्हें कई अन्य लाभ मिलेंगे और उनके कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा. हम हमारे व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.''
व्यापारी समुदाय ने जताई खुशी
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रिटेल और होलसेल कारोबार को MSME के दायरे में लाने के फैसले पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि कैट पिछले एक साल से अधिक समय से लगातार इस मुद्दे को उठा रहा था. विभिन्न स्तरों पर सरकार के साथ बातचीत कर रहा था. सरकार के इस फैसले से देश के करीब 8 करोड़ से ज्यादा छोटे कारोबारियों को फायदा होगा.
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि इस निर्णय से व्यापारी एमएसएमई श्रेणी के अंतर्गत आएंगे और प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के आधार पर दिए जाने वाले ऋण को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से आसानी से प्राप्त कर सकेंगे. इसके अलावा अब व्यापारियों द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं के कई अन्य लाभों को भी प्राप्त किया जा सकेगा, जिनका लाभ एमएसएमई श्रेणी के लोग अभी उठा रहे हैं.
कैट के राष्ट्रीय सचिव सुमित अग्रवाल ने कहा कि आज देश के व्यापारिक समुदाय के लिए बेहद बड़ा दिन है. व्यापारिक समुदाय देश में लगभग 40 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है और लगभग 115 लाख करोड़ का सालाना कारोबार कर रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी से प्रभावित व्यापारी अब बैंकों से आवश्यक वित्त प्राप्त करके अपने व्यवसाय को बहाल करने में सक्षम होंगे. सरकार का यह कदम न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि भारत के सबसे जीवंत खुदरा व्यापार को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.
(भाषा इनपुट के साथ)