भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सोमवार को निवेशकों का भरोसा कायम रखने के लिए म्यूचुअल फंडों की खातिर 50,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी (SLF) की घोषणा की है. दरअसल, कुछ ही दिन पहले अमेरिकी फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने भारत में मौजूद छह फंडों को बंद करने की घोषणा की थी. केंद्रीय बैंक ने म्यूचुअल फंडों के सामने आए तरलता संबंधी दिक्कतों के लिए कोरोनावायरस महामारी की वजह से पूंजी बाज़ारों में उतार-चढ़ाव का ज़िक्र किया है.
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि कुछ म्यूचुअल फंडों के बंद हो जाने की वजह से निवेशित रकम लौटाने का दबाव तथा अन्य संभावित बुरे प्रभावों के चलते तरलता संबंधी दिक्कतें बढ़ गई हैं. पिछले सप्ताह फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने घोषणा की थी कि वह 23 अप्रैल से भारत में छह यील्ड-ओरिएंटेड क्रेडिट फंडों को बंद कर देगी.
फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने कोरोनावायरस के चलते तरलता नहीं होने तथा बाज़ारों पर पड़े बुरे और गंभीर प्रभावों को इसकी वजह करार दिया था. बहरहाल, RBI ने कहा है कि फिलहाल यह संकट सिर्फ हाई-रिस्क डेट म्यूचुअल फंडों तक सीमित है, और मोटे तौर पर उद्योगों में तरलता बनी हुई है.
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