सन 1970 में उनके उर्दू काव्य 'गुले नग्मा' के लिए उन्हें ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार पाने वाले फिराक के जीवन का एक किस्सा मशहूर है कि एक बार एक मुशायरे में मीना कुमारी के आने की खबर सुनकर वह मुशायरा छोड़कर चले गए थे. इसका वाकये जिक्र ‘फिराक गोरखपुरी: द पोयट ऑफ पेन एंड एक्सटैसी’ नामक पुस्तक में किया गया है.
अपने जीवनकाल में फिराक ने कई गजल, शेर, कविताएं और कहानियां लिखीं. 'साधु और कुटिया' नाम का उपन्यास भी उन्होंने लिखा. उन्हें फारसी, हिंदी, ब्रजभाषा और भारतीय संस्कृति की गहरी समझ थी, इस वजह से उनकी कृतियों में भारत की असली छवि नजर आती थी. उन्हें सन 1968 में साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. 3 मार्च 1982 को उनकी मौत हो गई थी.
फिराक गोरखपुरी के जन्मदिन के मौके पर साहित्यप्रेमी ट्विटर पर उनके लिखे शेर पोस्ट कर रहे हैं. ट्विटर पर सुबह से 'Firaq'ट्रेंड कर रहे हैं. आनंद प्रधान और इयान वूलफोर्ड ने भी उनकी शायरी के जरिए उन्हें याद किया.
"हो जिन्हे शक,वो करें और खुदाओं की तलाश
— Anand Pradhan (@apradhan1968) August 28, 2016
हम तो इन्सान को दुनिया का खुदा कहते हैं!"#फिराक #Firaq
जहाँ वे पढ़ाते थे। pic.twitter.com/Itm1ZuN3oZ
ऑस्ट्रेलिया की ला ट्रॉब युनिवर्सिटी में हिंदी के प्राध्यापक इयान वूलफॉर्ड ने भी गोरखपुरी के शेर ट्वीट किए.
तेरे आने की क्या उमीद मगर
— Ian Woolford (@iawoolford) August 28, 2016
कैसे कह दूँ कि इंतिज़ार नहीं
~ प्रसिद्ध शायर फ़िराक़ गोरखपुरी के जन्मदिवस पर नमन#firaq pic.twitter.com/WVJtQh5hJY
Bahut pehle se un qadmon ki aahat jaan lete hain
— Raksha Kumar (@Raksha_Kumar) August 28, 2016
Tujhe ai zindagi ham duur se pahchaan lete hain #firaq #HappyBirthday
@Rekhta @binakapur @Narpatipareek7 @NavidAhmed1 @mykhyd @alamgirizvi @SureshM46 @dppoddar @avd_kvp @4G_BOY #Firaq pic.twitter.com/DX1drBDpW8
— RAM RATAN (@RRB3141) August 1, 2016
..सितारों से उलझता जा रहा हूँ
— Anand Pradhan (@apradhan1968) August 28, 2016
शब-ए-फ़ुरक़त बहुत घबरा रहा हूँ
तेरे ग़म को भी कुछ बहला रहा हूँ
जहाँ को भी समझा रहा हूँ!"#फिराक #Firaq
अब आ गये हैं आप तो आता नहीं है याद
— Fursatnaama (@Fursatnama) August 27, 2016
वर्ना कुछ हमको आपसे कहना ज़रूर था....!
~फ़िराक़ गोरखपुरी #Firaq #kavya @Rekhta
कोई समझे तो एक बात कहूँ
— Sandeep Bhutani (@dogtired1) August 28, 2016
इश्क़ तौफ़ीक है गुनाह नहीं
मौत का भी इलाज हो शायद
ज़िन्दगी का कोई इलाज नहीं#Firaq #shair @Narpatipareek7
कुछ न पूछो 'फ़िराक़' अहद - ए - शबाब
— Nalani हिंदी #TH (@ImNalani) August 27, 2016
रात है नींद है कहानी है#Firaq #shair #kavya@Rekhta @iamrana
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