छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अब तक सर्वाधिक स्तर पर पहुंच चुकी है. राज्य निर्माण के 20 वर्ष में इस साल सर्वाधिक धान खरीदी का रिकॉर्ड बन गया है. इस साल चालू धान खरीदी सीजन में 21 जनवरी तक 84 लाख 44 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है, जो बीते वर्ष राज्य में क्रय किए गए कुल धान 83.94 लाख मीट्रिक टन से 50 हजार मीट्रिक टन अधिक है, जबकि धान खरीदी के लिए 10 दिन अभी बाकी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के नेतृत्व में राज्य में बीते 2 वर्षों में धान खरीदी की मात्रा और खेती-किसानी और किसानों की संख्या में लगातार रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी कृषि प्रधान राज्य छत्तीसगढ़ के लिए एक शुभ संकेत है.
राज्य सरकार की किसान हितैषी नीति के चलते छत्तीसगढ़ राज्य को खेती-किसानी के मामले में देश का मॉडल राज्य बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है. छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य में फसल उत्पादकता को बढ़ावा मिला है. चालू वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार इस योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को 5750 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है. अब तक राज्य के 19 लाख 54 हजार 332 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेच चुके हैं. कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स को 27 लाख 70 हजार 693 मीट्रिक टन धान का DO जारी किया जा चुका है, जिसके चलते अब तक 25 लाख 45 हजार 512 मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है.
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गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2017-18 में जहां 56.88 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी, वहीं वर्ष 2018-19 में 80.83 लाख मीट्रिक तथा वर्ष 2019-20 में 83.94 लाख मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर क्रय किया गया. पंजीकृत किसानों की संख्या में भी साल-दर-साल बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2017-18 में धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या 15.77 लाख थी, वह वर्ष 2018-19 में बढ़कर 16.96 लाख और वर्ष 2019-20 में बढ़कर 19.55 लाख हो गई थी. इस साल समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है, जो 21.52 लाख है.
खरीफ वर्ष 2020-21 में 21 जनवरी, 2021 तक राज्य के बस्तर जिले में एक लाख 20 हजार 471 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है. इसी प्रकार बीजापुर जिले में 55 हजार 401 मीट्रिक टन, दंतेवाड़ा जिले में 13 हजार 401 मीट्रिक टन, कांकेर जिले में 2 लाख 65 हजार 350 मीट्रिक टन, कोण्डागांव जिले में एक लाख 25 हजार 945 मीट्रिक टन, नारायणपुर जिले में 17 हजार 252 मीट्रिक टन, सुकमा जिले में 33 हजार 711 मीट्रिक टन, बिलासपुर जिले में 4 लाख 30 हजार 664 मीट्रिक टन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 64 हजार 991 मीट्रिक टन, जांजगीर-चांपा जिले में 7 लाख 71 हजार 608 मीट्रिक टन, कोरबा जिले में एक लाख 15 हजार 821 मीट्रिक टन, मुंगेली जिले में 3 लाख 44 हजार 629 मीट्रिक टन खरीदी की गई है.
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इसी तरह रायगढ़ जिले में 4 लाख 98 हजार 428 मीट्रिक टन, बालोद जिले में 4 लाख 96 हजार 276 मीट्रिक टन, बेमेतरा जिले में 5 लाख 70 हजार 736 मीट्रिक टन, दुर्ग जिले में 3 लाख 81 हजार 633 मीट्रिक टन, कवर्धा जिले में 3 लाख 86 हजार 87 मीट्रिक टन, राजनांदगांव जिले में 7 लाख 3 हजार 423 मीट्रिक टन, बलौदाबाजार जिले में 6 लाख 4 हजार 191 मीट्रिक टन, धमतरी जिले में 4 लाख 7 हजार 864 मीट्रिक टन, गरियाबंद जिले में 2 लाख 94 हजार 996 मीट्रिक टन, महासमुंद जिले में 6 लाख 38 हजार 190 मीट्रिक टन, रायपुर जिले में 4 लाख 68 हजार 276 मीट्रिक टन, बलरामपुर जिले में एक लाख 34 हजार 643 मीट्रिक टन, जशपुर जिले में एक लाख 273 मीट्रिक टन, कोरिया जिले में एक लाख 3 हजार 960 मीट्रिक टन, सरगुजा जिले में एक लाख 35 हजार 683 मीट्रिक टन और सूरजपुर जिले में एक लाख 59 हजार 690 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है.
VIDEO: छत्तीसगढ़ और केंद्र के बीच धान की खरीद पर घमासान
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