रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश कर दी है. आरबीआई ने इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. प्रमुख ब्याज दरें 4 प्रतिशत पर बरकरार हैं. रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट को 4.25 प्रतिशत पर रखा गया है. दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने इस बार भी अपना रुख 'एकॉमडेटिव' यानी उदार रखा है.
इसके साथ ही ऐसा लगातार छह सत्रों में हो चुका है, जब आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इसके पहले आखिरी बदलाव 22 मई 2022 को दरों में कटौती के साथ हुआ था. इसके बाद कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था पर ऐसा असर पड़ा कि आरबीआई ने पहले तो दरों में बदलाव करना बंद कर दिया, वहीं उसे कई रिवाइवल प्लान की घोषणा भी करनी पड़ी.
रिजर्व बैंक ने इस बार सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के अपने अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है. बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपना जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. वहीं सीपीआई इंफ्लेशन यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स या खुदरा मुद्रास्फीति में भी बढ़ोतरी की गई है. आरबीआई ने सीपीआई इंफ्लेशन को वित्तवर्ष 2021-22 के लिए 5.7 प्रतिशत पर रखा गया है. इसके पहले सीपीआई इंफ्लेशन का अनुमान 5.1% पर था.
गवर्नर ने अर्थव्यस्था के अन्य पहलुओं पर क्या कहा?
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से लगे झटके से बाहर आ रही है और टीकाकरण में गति के साथ आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार की ओर से शुरू किए गए आर्थिक पैकेज लंबा चलने वाले सुधारों की अच्छी शुरुआत करेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि उपभोग, निवेश और बाहरी डिमांड में एक बार फिर तेजी आई है.
उन्होंने कई निजी कंपनियों के तिमाही नतीजों को लेकर भी खुशी जताई. उन्होंने कहा कि कंपनियों के बेहतर नतीजों को देखकर समझ आता है कि उन्होंने एक हेल्दी ग्रोथ बनाए रखी है.
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