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This Article is From Feb 13, 2015

लघु प्रेम कथाओं, यानि 'लप्रेक' पर रवीश कुमार ने की दिल की बात

उम्र के किसी न किसी पड़ाव पर आपने मोहब्बत ज़रूर की होगी। चाहे इस मोहब्बत को दुनिया के सामने ला पाएं हों या नहीं, लेकिन प्रेम और प्रेम कहानियों से कौन-सा ज़िन्दा शख्स अनछुआ रह चुका है...! रवीश कुमार ने प्रेम की जो नब्ज़ पकड़ी है, उसे उन्होंने लघु कथाओं में कन्वर्ट कर दिया है... ये लघु कथाएं किताब की शक्ल में पेश हैं, 'इश्क में शहर होना' शीर्षक से...

दरअसल, रवीश कुमार ने 'लप्रेक', यानि लघु प्रेम कथाओं के जरिये साहित्य में एक नई विधा को जन्म दिया है... 'लप्रेक' पर आधारित उनकी पहली किताब 'इश्क में शहर होना' बाजार में है, आपमें से कई इसे पढ़ चुके हैं, और कई इसकी बाबत रवीश कुमार से बात करना चाहते थे... कुछ शेयर करना, कुछ पूछना चाहते थे, सो, रवीश कुमार ने NDTVKhabar.com के Facebook पेज के जरिये अपने प्रशंसकों से लाइव चैट की, जिसे आप नीचे दिख रही तस्वीर पर क्लिक करके देख-पढ़ सकते हैं।

इस चैट पर सैंकड़ो सवाल आए, जिनके रवीश ने बेहद प्रेम से जवाब दिए। फेसबुक पर हुई इस चैट में लोगों ने रवीश से सबसे ज्यादा यह पूछा कि आखिर उनकी किताब 'इश्क में शहर होना' उन्हें मिल क्यों नहीं पा रही है। हम आपको बता दें कि रवीश की यह किताब अमेजन पर आसानी से उपलब्ध है। हो सकता है, कुछ समय के लिए स्टॉक खत्म हुआ हो, लेकिन अब यह किताब आसानी से ऑनलाइन ऑर्डर की जा सकती है। पाठकों ने यह भी पूछा कि असली मोहब्बत क्या होती है... यह भी पूछा गया कि शहर और गांव की मोहब्बत में क्या फर्क है। पाठकों को रवीश का यह लेखक वाला चेहरा भी खूब पसंद आया। पूरी चैट पढ़ने के लिए नीचे दिख रही तस्वीर पर क्लिक करें...

 

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