बुद्धिजीवियों की निर्मम हत्याएं हुईं और पीएम मोदी के पास कहने के लिए कुछ नहीं है : राहुल गांधी

बुद्धिजीवियों की निर्मम हत्याएं हुईं और पीएम मोदी के पास कहने के लिए कुछ नहीं है : राहुल गांधी

लोकसभा में राहुल गांधी

नई दिल्ली:

कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर मंगलवार को भी हमला जारी रखा। लोकसभा में असहनशीलता मुद्दे पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी के मंत्री देश में लोगों के बोलने की आजादी के कुचल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को गलत उदाहरणों से नहीं सीख लेनी चाहिए और सहिष्णुता सीखनी चाहिए।

राहुल के भाषण के मुख्य बातें :
मैंने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री को संसद में संविधान के बारे में बात कहते हुए सुना। उन्होंने गांधी जी का उल्लेख किया, अंबेडकर जी की तारीफ की, उन्होंने राजेंद्र प्रसाद और सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को भी याद किया।

उन्होंने कुछ शब्द जवाहरलाल नेहरू पर भी कहे। मैं जब उनका भाषण सुन रहा था तो मैंने पाया कि हमारे बीच विचार करने के तरीके में काफी अंतर है। मोदी जी के लिए जिन लोगों का नाम उन्होंने लिया वे काफी विद्वान थे और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। उन सब लोगों के पास देश की तमाम समस्याओं का समाधान था। मेरे लिए इन सब महापुरुषों में जिनका जिक्र पीएम मोदी ने किया जो खूबी थी वह थी लोगों को सुनने की क्षमता।
इन सब लोगों में खास बात यह नहीं थी कि वे समस्याओं का समाधान जानते थे बल्कि यह थी कि वे विनम्रता से सही सवाल पूछते थे।

मेरी राय में पीएम मोदी ने संविधान के सही निर्माताओं के बारे में अपने भाषण में ज्यादा कुछ नहीं कहा। वे इस देश के लोग थे। दाभोलकरजी, पानसारे जी और कलबुर्गी जी की हत्याएं हो गई और पीएम मोदी के पास इस मुद्दे पर बोलने के लिए कुछ नहीं था।

राहुल गांधी ने एफटीआईआई के मुद्दे को संसद में उछाला और कहा कि सरकार स्किल इंडिया के बारे में बात करती है, मोदी जी स्किल इंडिया के बारे में बोलते हैं और जब संस्थान के काबिल छात्र एक औसत दर्जे वाले आदमी का विरोध करते हैं तो सरकार उनकी आवाज कुचल देती है। वह चाहती है कि सिर्फ सरकार की ही सुनी जाए।
मो. अखलाक की हत्या पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उनकी हत्या सिर्फ इसलिए हो गई क्योंकि वह मुसलमान था। अखलाक के बेटे मो. सरताज जो भारतीय वायुसेना में कार्यरत हैं का संदेश था, सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा। राहुल गांधी बोले, यह संदेश हमारे लिए था।

देश के तमाम बेहतरीन लेखकों ने अपने पुरस्कार लौटाए लेकिन सरकार ने उनकी भी नहीं सुनी। जेटली साहब कहते हैं कि यह सब बनावटी है। माननीय जेटली जी यह आपके मेक इन इंडिया के सपने की तरह नहीं है, यह हकीकत है। आपको इन लोगों की बात सुननी चाहिए।

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भारत कामयाब है क्योंकि यहां पर हमने लोगों को बोलने की आजादी दी है। यह हमारी सहिष्णुता है।