यह ख़बर 08 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बलात्कारी को मिला दोहरा दंड, दो महीने में आया फैसला

खास बातें

  • ठाणे सेशंस कोर्ट ने 53 साल के एक शख्स को पांच साल की बच्ची के बलात्कार और मर्डर के मामले में फांसी और उम्रकैद दोनों की सज़ा सुनाई है। दोषी दत्तात्रय रोकड़े को सज़ा दिलवाने में उसकी बीवी और बेटे के बयान काफी अहम थे।
मुंबई:

ठाणे सेशंस कोर्ट ने 53 साल के एक शख्स को पांच साल की बच्ची के बलात्कार और मर्डर के मामले में फांसी और उम्रकैद दोनों की सज़ा सुनाई है। दोषी दत्तात्रय रोकड़े को सज़ा दिलवाने में उसकी बीवी और बेटे के बयान काफी अहम थे।

दो महीने की सुनवाई के बाद बच्चों को यौन शोषण से बचाने वाले नए कानून के तहत रोकड़े को मर्डर के लिए जज प्रकाश माली ने फांसी जबकि बच्ची के साथ रेप के लिए उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई।
 
पांच साल की नन्हीं बच्ची नवी मुंबई के कोपरी इलाके में दोषी के बिल्कुल बगल वाले घर में रहती थी। 22 जनवरी को वह गुमशुदा हुई। मां−बाप काम से लौटे तो बच्ची को नहीं देखा। पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। एफआईआर दर्ज होने के चंद घंटे बाद ही बच्ची की लाश उसके घर के दरवाजे के पास ही मिली।

पुलिस ने 7 मार्च को चार्जशीट दाखिल की... तीन अप्रैल को केस की पहली सुनवाई हुई। कोर्ट में 25 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज हुए और दो महीने बाद 2012 के बाल लैंगिक अत्याचार प्रतिबंधात्मक कानून के तहत दत्तात्रेय को फांसी की सज़ा सुना दी गई।

मामले में सरकारी वकील संगीत फड़ ने सज़ा मिलने के बाद बताया कि दोषी दत्तात्रेय रोकड़े इससे पहले मुरबाड इलाके में भी एक महिला से बलात्कार की कोशिश कर चुका था जिरह के दौरान उस मामले की गवाह का भी बयान दर्ज किया गया था। मामले की जांच करने वाली महिला पुलिस अधिकारी पुष्पा दिघे ने बताया कि मामले में 27 गवाहों के बयान लिए गए। दो महीने के अंदर नतीजा आया।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

दोषी की पृष्ठभूमि आपराधिक थी इसके भी सबूत उन्होंने कोर्ट के सामने दिए। केस का रिजल्ट आने से महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने वालों के खिलाफ कड़ा संदेश जाएगा... ऐसा माना जा रहा है।
 
मामले को सामने लाने में अहम कड़ी बना दत्तात्रेय का बेटा... दरअसल पुलिस ने पहले डॉग स्क्वॉड की निशानदेही पर एक बेकसूर वॉयरमैन को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन 25 जनवरी को नवी मुंबई पुलिस को एक फोन आया फोन करने वाले ने कहा कि वह बच्ची के असली मुजरिम को जानता है। जब क्राइम ब्रांच के अधिकारी फोन करने वाले से मिलने पहुंचे तो वह रोकड़े का बेटा निकला उसने न सिर्फ रोकड़े को पुलिस के हवाले किया बल्कि घर से चादर, तकिये जैसे अहम सबूत भी पुलिस को मुहैया कराए जिससे बच्ची के कत्ल में इस्तेमाल किया गया था।
 
दो महीने में आई इस दोहरी सज़ा से कई पीड़ितों के बीच भी जल्द इंसाफ की आस जाग गई है।