बिजनौर:
उत्तर प्रदेश में बलात्कार पीड़िता नाबालिग लड़की को ‘लॉक अप’ में बंद करने की घटना के करीब एक हफ्ते बाद ही सामूहिक बलात्कार की शिकार 16 वर्षीय एक लड़की ने दावा किया कि जब वह अपने अभिभावकों के साथ शिकायत दर्ज कराने गई थी तो पुलिस ने उसकी पिटाई की।
पुलिस ने बताया कि बिजनौर की इस घटना के बाद अफजलगढ़ थाने के प्रभारी रामजी लाल, उपनिरीक्षक राज सिंह और महिला सिपाही सुखराज कौर को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बलात्कार के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। लड़की और उसके माता पिता उन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराने गए थे।
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि दो युवकों अनीस और राशिद ने उसके साथ 11 अप्रैल को सामूहिक बलात्कार किया था।
पीड़ित ने दावा किया कि अगले दिन जब वह इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने अपने अभिभावकों के साथ अफजलगढ़ थाने गई तो पुलिस अधिकारियों ने उसके माता-पिता के साथ बदसलूकी की और उसकी पिटाई की।
पुलिस अधीक्षक सुनील चंद्र वाजपेयी ने थाने पहुंचकर मामले की जानकारी ली और आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। बाद में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने इस संबंध में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश भी दिया।
पुलिस ने बताया कि बिजनौर की इस घटना के बाद अफजलगढ़ थाने के प्रभारी रामजी लाल, उपनिरीक्षक राज सिंह और महिला सिपाही सुखराज कौर को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बलात्कार के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। लड़की और उसके माता पिता उन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराने गए थे।
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि दो युवकों अनीस और राशिद ने उसके साथ 11 अप्रैल को सामूहिक बलात्कार किया था।
पीड़ित ने दावा किया कि अगले दिन जब वह इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने अपने अभिभावकों के साथ अफजलगढ़ थाने गई तो पुलिस अधिकारियों ने उसके माता-पिता के साथ बदसलूकी की और उसकी पिटाई की।
पुलिस अधीक्षक सुनील चंद्र वाजपेयी ने थाने पहुंचकर मामले की जानकारी ली और आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। बाद में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने इस संबंध में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश भी दिया।