नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत द्वारा द्रमुक सांसद कनिमोई को जमानत नहीं दिए जाने को उनके वकील राम जेठमलानी ने न्याय की निष्फलता करार दिया और उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय इसे दुरूस्त करेगा। जेठमलानी ने कहा, न्यायाधीश ने जो किया है, वह न्याय की गंभीर निष्फलता है। मैं समझता हूं कि न्यायाधीश ने संभवत: तय कर लिया कि कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए। सिर्फ उच्चतम न्यायालय द्वारा ही राहत मिले..। वरिष्ठ वकील जेठमलानी ने कहा, मैं इसे न्याय की गंभीर निष्फलता मानता हूं..। मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय जल्दी ही इसे सही कर देगा। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को तब जमानत नहीं दी जा सकती तब उसके फरार होने या उसके सबूत से छेड़छाड़ करने की आशंका हो। लेकिन कम से कम इस महिला (कनिमोई) के मामले में ऐसा कोई सबूत नहीं है।
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