हरिद्वार:
लोकपाल बिल के संदर्भ में बनी गैर सरकारी पांच सदस्यीय समिति को वंशवाद से ग्रस्त बताने के बाद बाबा रामदेव आलोचनाओं से घिर गए हैं। इस सबंध में अखाड़ा परिषद ने योगगुरू के बयान की निंदा की है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता बाबा हठयोगी सहित कई संतो ने एक संवाददाता सम्मेलन में बाबा रामदेव के बयान को हताशाभरा और पराजयजनित बताया है। उनको समिति में नहीं लिए जाने से वह बौखला गए हैं। बाबा हठयोगी ने आरोप लगाया, बाबा रामदेव स्वयं वंशवाद के सबसे बड़े पोषक हैं और ट्रस्ट के नाम पर बनी संस्थाओं में उनके नजदीकी रिश्तेदार अहम पदों पर बैठे हैं। अभी तक स्वदेशी का राग अलापने वाले योगगुरू ने एक बहुराष्ट्रीय कंपनी का अधिग्रहण करके स्वयं अपनी असलियत सामने ला दी है। गौरतलब है कि शनिवार देर शाम पतंजलि योगपीठ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बाबा रामदेव के हवाले से कहा गया, जन लोकपाल बिल के लिए अनशन की पृष्ठभूमि मैंने तैयार की थी और अब इसमें वंशवाद घुस जाने से गड़बड़ी की गुंजाइश नजर आ रही है। केवल विधेयक बनाने से काम नहीं चलेगा बल्कि विदेशों में जमा 400 लाख करोड़ रुपये भी वापस लाना चाहिए। इसलिए मेरी जंग जारी रहेगी।
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आलोचना, योग गुरु, बाबा रामदेव