
वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय बोर्ड के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में मानहानि का दावा ठोंक दिया। पार्टी द्वारा 28 मई को उनको निष्कासित करने के फैसले के खिलाफ जेठमलानी ने यह मुकदमा दायर किया है।
जेठमलानी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को छोड़कर सभी सदस्यों से 50 लाख रुपये की मांग की है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि वह बोर्ड के फैसले को 'अमान्य और शून्य' करार दे। मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।
जेठमलानी ने कहा कि उनको निष्कासित करने का फैसला द्वेष से प्रेरित था और उसका उद्देश्य उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना है। संसदीय बोर्ड भाजपा की सर्वोच्च नीति नियामक संस्था है और इसके 12 सदस्य हैं।
सुषमा स्वराज और अरुण जेटली पर खुलेआम हमला करने के कारण जेठमलानी को छह वर्ष के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था।
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