
राज्यसभा बुधवार को 11 बार स्थगित हुई और सदन में कोई कामकाज नहीं हुआ
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राज्यसभा दोपहर बाद दो बजे से शाम 5.15 के बीच 10 बार स्थगित हुई
सरकार ने भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) विधेयक 2013 को पेश किया
विरोध प्रदर्शन कर रहे सदस्य नारे लगाते रहे
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आजाद ने सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सरकार आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने, कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल बंटवारे, सीबीएसई पेपर लीक और बैंक धोखाधड़ी समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने से भाग रही है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, "सदन के बाहर विपक्ष की ऐसी छवि बनाने की कोशिश की जा रही है कि विपक्ष सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहा है, लेकिन सत्ताधारी पार्टी (भाजपा) खुद चर्चा करने से भाग रही है. पूरा विपक्ष लंबित विधेयकों को पारित करवाना चाहता है. हम यह भी चाहते हैं कि ये विधेयक पारित हों, लेकिन हमारे ऊपर लाखों लोगों से संबंधित मसलों को उठाने का दायित्व भी है."
सत्तापक्ष के सांसदों की ओर से जारी शोर-शराबे के बीच उन्होंने कहा, "मुझे यह कहते हुए खेद है कि सत्ता पक्ष सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहा है. देखिए कौन कार्यवाही में बाधा डाल रहा है. देश को देखने दें."
जब आजाद बोल रहे थे, उस समय तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सांसद सभापति के आसन के पास पहुंच गए और नारे लगाने लगे. उनके हाथों में पोस्टर भी थे. शोरगुल जारी रहने पर कुरियन ने सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया. फिर जैसे ही सदन अपराह्न् 2.43 बजे बैठा, दूसरा स्थगन 3.15 बजे दिया गया. इसके बाद सदन को फिर 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया. जैसे ही सदन 3.30 बजे फिर शुरू हुआ, कुरियन ने सदस्यों से विधेयक को राष्ट्रीय हित में पारित करने की अपील की.
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उन्होंने कहा, "यदि विधेयक पारित नहीं हुआ तो सरकार के बहुत से कार्यक्रम रुक जाएंगे. आइए विधेयक पर चर्चा करें." आजाद ने कहा कि सरकार को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों के हितों से ज्यादा अपने विधेयक में रुचि हैं.
सदस्यों के आसन के सामने एकत्र हो जाने पर कुरियन ने सदन को फिर से 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया. इसके बाद सदन को शाम 5.13 बजे दिन भर के लिए स्थगित करने के पहले क्रमश: 3.55 बजे, 4.10 बजे, 4.30 बजे, 4.45 बजे, 4.55 बजे स्थगित किया गया.
इससे पहले सुबह में सभापति वेकैंया नायडू ने विपक्ष के सदस्यों के हंगामे व शोरगुल के बीच सदन को 20 मिनट के लिए स्थगित किया था, जिसके बाद अपराह्न् दो बजे फिर बैठक शुरू हुई. सदन की बैठक आरंभ होते ही राजस्थान, ओडिशा, कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश से निर्वाचित होकर आए राज्यसभा सदस्यों ने अपने पद की शपथ ली.
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इसके तत्काल बाद तेदेपा, अन्नाद्रमुक और कांग्रेस के सदस्य 'आंध्रप्रदेश बचाओ', 'नरेंद्र मोदी दलित विरोधी' और 'हमारी मांग कावेरी बोर्ड' के नारे लगाते हुए सभापति के आसन के पास इकट्ठा हो गए। उनके साथ कुछ अन्य दलों के भी सांसद थे. नायडू ने उनसे शांत होने और सदन के पटल पर प्रस्ताव रखकर अपने मसले को उठाने को कहा, लेकिन उनकी अपील को नजरअंदाज कर दिया गया.
कांग्रेस सदस्यों ने एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों को नरम करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध किया. अन्नाद्रमुक व द्रमुक सदस्यों ने तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी नदी जल बंटवारे के मसले के लिए कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन करने की मांग की. वहीं, तेदेपा ने आंध्रप्रदेश के लिए विशेष दर्जा की मांग करते हुए पोस्टर दिखाकर विरोध जताया.
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री विजय गोयल ने मोदी सरकार को दलित विरोधी बताने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की.
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