बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की फाइल तस्वीर
मुजफ्फरनगर / नई दि्ल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह को मुजफ्फरनगर के हिंसा प्रभावित इलाकों के दौरे पर जाने की इजाजत नहीं दी गई। मुजफ्फरनगर प्रशासन ने हालात के मद्देनजर उन्हें वहां जाने से मना कर दिया।
राजनाथ सिंह का हिंसा के दौरान मारे गए टीवी पत्रकार राजेश वर्मा के घर जाने का कार्यक्रम था। इसके बाद उनका मल्लिकापुर गांव जाने का भी कार्यक्रम था, जहां वह भीड़ के हाथों मारे गए दो युवकों - गौरव और सचिन के परिवार वालों से मुलाकात करना चाहते थे। इन दोनों युवकों की मौत के बाद ही हिंसा भड़क उठी थी और अन्य गांव इसकी चपेट में आ गए।
राजनाथ से पहले राज्यसभा में बीजेपी के उप-नेता रवि शंकर प्रसाद ने दो अन्य सांसदों के साथ मुजफ्फरनगर जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें गाजियाबाद में ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। तब प्रसाद से कहा गया कि उनके दौरे से हिंसा और भड़क सकती है।
बीजेपी उपाध्यक्ष उमा भारती पुलिस को चकमा देकर मुजफ्फरनगर सीमा पर पहुंच गई थीं। पुलिस ने जब उन्हें हिरासत में लिया, तो वह धरने पर बैठ गई थीं। बाद में उन्होंने मुद्दा उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी उठा।
राजनाथ सिंह का हिंसा के दौरान मारे गए टीवी पत्रकार राजेश वर्मा के घर जाने का कार्यक्रम था। इसके बाद उनका मल्लिकापुर गांव जाने का भी कार्यक्रम था, जहां वह भीड़ के हाथों मारे गए दो युवकों - गौरव और सचिन के परिवार वालों से मुलाकात करना चाहते थे। इन दोनों युवकों की मौत के बाद ही हिंसा भड़क उठी थी और अन्य गांव इसकी चपेट में आ गए।
राजनाथ से पहले राज्यसभा में बीजेपी के उप-नेता रवि शंकर प्रसाद ने दो अन्य सांसदों के साथ मुजफ्फरनगर जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें गाजियाबाद में ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। तब प्रसाद से कहा गया कि उनके दौरे से हिंसा और भड़क सकती है।
बीजेपी उपाध्यक्ष उमा भारती पुलिस को चकमा देकर मुजफ्फरनगर सीमा पर पहुंच गई थीं। पुलिस ने जब उन्हें हिरासत में लिया, तो वह धरने पर बैठ गई थीं। बाद में उन्होंने मुद्दा उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी उठा।
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