'वाहेगुरु जी का खालसा....' जवानों के बीच पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लगाए नारे

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों तीन दिवसीय लेह दौरे पर हैं, सिंह की यात्रा का मकसद चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना है.

'वाहेगुरु जी का खालसा....' जवानों के बीच पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लगाए नारे

भारत ‘‘गलवान वीरों’’ के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों तीन दिवसीय लेह दौरे पर हैं, सिंह की यात्रा का मकसद चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना है. यात्रा के दूसरे दिन वह जवानों के मुलाकात करने पहुंचे तो जवानों ने भारत माता के जयकारों के साथ उनका स्वागत किया, इसके बाद खुद रक्षा मंत्री ने जवानों के साथ मिलकर जयकारे लगाने शुरू किए जिसकी आवाज से पूरा लद्दाख गूंज उठा. इसका एक वीडियो भी सामने आया है जब जवानों ने वाहेगुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह, नारे लगाए तो जवानों की आवाज में अपनी आवाज देते हुए रक्षामंत्री ने भी जयकारे लगाने शुरू कर दिए. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख से चीन को कड़ा संदेश देते हुए सोमवार को कहा कि भारत ‘‘गलवान वीरों'' के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा और देश के सशस्त्र बल हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि 14th कॉर्प के थर्ड डिविजन की स्थापना 1962 में भारत-चीन युद्ध के दरमियान हुई थी. अपने स्थापना के कुछ वर्षों में ही 1965 की भारत-पाकिस्तान युद्ध में आपने निर्णायक भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में भी आपके वीरता के कहानियों ने देशवासियों का सिर ऊंचा किया. 

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उन्होंने कहा कि आपकी वीरतापूर्ण कारनामों की वजह से ही आपको ‘त्रिशूल' डिविजन के नाम से अलंकित किया गया है. आज आप भगवान शंकर के त्रिशुल के समान प्रचंड होकर, देश की उत्तरी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि सीमा पर उभरते किसी भी परिस्थिति का सामना करने में आप सक्षम हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि हम विश्वशांति के पुजारी हैं, हम शस्त्र भी धारण करते हैं तो शांति की स्थापना के लिए. भारत ने आज तक किसी भी देश पर न तो आक्रमण किया है न  ही किसी भी देश की एक इंच जमीन पर हमने कब्जा किया है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के जरिए समाधान निकालने की कोशिश की जानी चाहिए, मंशा साफ होनी चाहिए, हम न तो किसी को आंख दिखाना चाहते हैं, न हमे किसी का आंख दिखाना मंज़ूर है. हमारी सेना में हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता है.