नई दिल्ली:
सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के तीन दोषियों की एक याचिका मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय से अपने पास मंगा ली। न्यायालय ने ऐसा उनकी दया याचिकाओं पर राष्ट्रपति के निर्णय लेने में हुई देरी के कारण किया। याचिका में दोषियों ने मृत्युदंड को बदलने का अनुरोध किया है।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील के. एल. वेंकट की याचिका पर सुनवाई करते हुए अभियुक्तों की याचिकाएं अपने पास मंगाई। अपनी याचिका में वेंकट ने कहा है कि चेन्नई में माहौल अभियुक्तों के पक्ष में है और इसे देखते हुए वहां निष्पक्ष सुनवाई नहीं प्रतीत होती।
राजीव की हत्या के लिए मृत्युदंड पाने वाले तीन अभियुक्त मुरुगन, संथान और पेरारीवलन हैं। निचली अदालत ने वर्ष 1999 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। अगले ही साल यानी वर्ष 2000 में उन्होंने अपनी सजा को आजीवन कारावास में बदलने के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाई थी। वर्ष 2011 में राष्ट्रपति ने उनकी दया याचिकाएं खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील के. एल. वेंकट की याचिका पर सुनवाई करते हुए अभियुक्तों की याचिकाएं अपने पास मंगाई। अपनी याचिका में वेंकट ने कहा है कि चेन्नई में माहौल अभियुक्तों के पक्ष में है और इसे देखते हुए वहां निष्पक्ष सुनवाई नहीं प्रतीत होती।
राजीव की हत्या के लिए मृत्युदंड पाने वाले तीन अभियुक्त मुरुगन, संथान और पेरारीवलन हैं। निचली अदालत ने वर्ष 1999 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। अगले ही साल यानी वर्ष 2000 में उन्होंने अपनी सजा को आजीवन कारावास में बदलने के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाई थी। वर्ष 2011 में राष्ट्रपति ने उनकी दया याचिकाएं खारिज कर दी।
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