नई दिल्ली:
दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में एक रेस्तरां में हुए मनोज वशिष्ठ के एनकाउंटर को लेकर एक के बाद एक कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। इसी के साथ इस पूरे मामले पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों की ही ओर से जांच बैठा दी गई है। मनोज की पत्नी का कहना है कि पूरा एनकाउंटर फर्जी है।
दिल्ली सरकार ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच का निर्देश दिया है जबकि मनोज वशिष्ट की पत्नी का कहना है कि केंद्र सरकार की ओऱ से उन्हें SIT बनाने का आश्वासन दिया गया है। वह आज (18 मई) को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलीं और इस मामले पर न्याय के लिए गुहार लगाई। मनोज की पत्नी का दावा है कि गृहमंत्री ने उनसे कहा है कि पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी की जाएगी। साथ ही, उन्हें राजनाथ सिंह ने न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। मनोज की पत्नी का कहना है कि उन्हें गृह मंत्री ने कहा है कि आपको लगता है कि नाइंसाफी हो रही है तो कभी भी आएं, हम आपकी बात सुनेंगे।
कहा यह भी जा रहा है कि मनोज ने गोली नहीं चलाई जबकि मौके पर मौजूद गवाहों के मुताबिक, पहले गोली मनोज ने ही चलाई। राजेंद्र नगर थाने में कई धाराओं में मनोज वशिष्ठ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
हमारे सहयोगी मुकेश सेंगर के मुताबिक, मनोज पर कोई डकैती या मर्डर केस नहीं, जालसाजी जैसे केस हैं। हमारे दूसरे सहयोगी शरद शर्मा के मुताबिक, यह भी सवाल उठ रहा है कि स्पेशल सेल को ऐसी जरूरत क्यों पड़ी कि एनकाउंटर करना पड़ा। वैसे, सीसीटीवी कैमरों से सच्चाई खुल सकती है।
क्या है पूरा मामला..
दिल्ली के राजेंद्र नगर में पुलिस एनकांउटर में मारे गए व्यक्ति की पहचान बागपत निवासी मनोज कुमार वशिष्ठ के तौर पर हुई। पुलिस के अनुसार, स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि मनोज न्यू राजेन्द्र नगर के सागर रत्ना रेस्टोरेंट में आएगा। रात करीब 9 बजे जब पुलिस को पता चला मनोज रेस्टोरेंट में मौजूद है तब पुलिस ने उसे वहां दबोचने का प्रयास किया। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने पुलिस टीम पर गोली चला दी। बचाव में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं और इसमें मनोज की मौत हो गई।
दिल्ली सरकार ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच का निर्देश दिया है जबकि मनोज वशिष्ट की पत्नी का कहना है कि केंद्र सरकार की ओऱ से उन्हें SIT बनाने का आश्वासन दिया गया है। वह आज (18 मई) को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलीं और इस मामले पर न्याय के लिए गुहार लगाई। मनोज की पत्नी का दावा है कि गृहमंत्री ने उनसे कहा है कि पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी की जाएगी। साथ ही, उन्हें राजनाथ सिंह ने न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। मनोज की पत्नी का कहना है कि उन्हें गृह मंत्री ने कहा है कि आपको लगता है कि नाइंसाफी हो रही है तो कभी भी आएं, हम आपकी बात सुनेंगे।
कहा यह भी जा रहा है कि मनोज ने गोली नहीं चलाई जबकि मौके पर मौजूद गवाहों के मुताबिक, पहले गोली मनोज ने ही चलाई। राजेंद्र नगर थाने में कई धाराओं में मनोज वशिष्ठ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
हमारे सहयोगी मुकेश सेंगर के मुताबिक, मनोज पर कोई डकैती या मर्डर केस नहीं, जालसाजी जैसे केस हैं। हमारे दूसरे सहयोगी शरद शर्मा के मुताबिक, यह भी सवाल उठ रहा है कि स्पेशल सेल को ऐसी जरूरत क्यों पड़ी कि एनकाउंटर करना पड़ा। वैसे, सीसीटीवी कैमरों से सच्चाई खुल सकती है।
क्या है पूरा मामला..
दिल्ली के राजेंद्र नगर में पुलिस एनकांउटर में मारे गए व्यक्ति की पहचान बागपत निवासी मनोज कुमार वशिष्ठ के तौर पर हुई। पुलिस के अनुसार, स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि मनोज न्यू राजेन्द्र नगर के सागर रत्ना रेस्टोरेंट में आएगा। रात करीब 9 बजे जब पुलिस को पता चला मनोज रेस्टोरेंट में मौजूद है तब पुलिस ने उसे वहां दबोचने का प्रयास किया। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने पुलिस टीम पर गोली चला दी। बचाव में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं और इसमें मनोज की मौत हो गई।
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