राजस्‍थान: जीत की कोई उम्‍मीद नहीं होने के बावजूद बीजेपी इस‍लिए लाना चाहती है अविश्‍वास प्रस्‍ताव..

जानकारी के अनुसार, बीजेपी ने इस संभावना पर चर्चा की है कि गहलोत विश्‍वास प्रस्‍ताव लगाए और इसे 'वाइस वोट' के आधार पर पास करा लेंगे. ऐसे में विपक्ष के पास अहम मुद्दों को उठाने का मौका ही नहीं बचेगा.

Rajasthan crisis: राजस्‍थान में बीजेपी ने आश्‍चर्यजनक फैसला लेते अशोक गहलोत के नेतृत्‍व वाली सरकार (CM Ashok Gehlot) के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव (No-Confidence Motion) लाने का ऐलान किया है.विधानसभा सत्र 14 अगस्‍त से प्रारंभ हो रहा है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) की अगुवाई वाले बागी विधायकों की कांग्रेस के साथ 'सुलह' के तीन दिन बाद बीजेपी (BJP) का यह फैसला सामने आया है. पायलट और उनके समर्थक विधायकों की घर वापसी से सीएम अशोक गहलोत की सरकार पर से संकट के बादल पूरी तरह छंट गए हैं. कांग्रेस ने जब 19 बागी विधायकों के साथ सुलह की घोषणा की थी, इसके बाद राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी पार्टी कहा था कि वह अपनी रणनीति नए सिरे से निर्धारित कर रही है. इसी के साथ पार्टी ने मंगलवार को आयोजित होने वाली बैठक रद्द कर दी थी. यह बैठक आज हुई और इसमें राजस्‍थान बीजेपी की पावरहाउस वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) सहित तमाम शीर्ष नेताओं ने भाग लिया. 

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पार्टी के सूत्रों ने बताया कि अविश्‍वास प्रस्‍ताव लताने के निर्णय का 'संख्‍याबल' से संबंध नहीं है. बीजेपी को इस बात का भलीभांति हैं कि नंबर को लेकर मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत 'सुविधाजनक बहुमत' की स्थिति में है और वे उनकी योजना विश्‍वासमत के दौरान इस बात को साबित करने की भी है, इससे इसे छह माह की राहत (reprieve) मिल जाएगी. बीजेपी ने गहलोत के इस प्‍लान को विफल करने के लिए ही अविश्‍वास प्रस्‍ताव की बात छेड़ी है.राजस्‍थान बीजेपी प्रमुख सतीश पूनिया (Rajasthan BJP chief Satish Poonia)ने कहा, 'हमने उनके विश्‍वास प्रस्‍ताव का जवाब अविश्‍वास प्रस्‍ताव से दिया है.' लेकिन नियमों के अनुसार सीएम का विस्‍ताव प्रस्‍ताव अन्‍य प्रस्‍तावों की जगह ले लेता (supersedes) है. 

जानकारी के अनुसार, बीजेपी ने इस संभावना पर चर्चा की है कि गहलोत विश्‍वास प्रस्‍ताव लगाए और इसे 'वाइस वोट' के आधार पर पास करा लेंगे. ऐसे में विपक्ष के पास अहम मुद्दों को उठाने का मौका ही नहीं बचेगा. बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि उसकी रणनीति बहस के लिए जोर देकर गहलोत सरकार को कोरोना वायरस सहित अहम मुद्दों पर 'बैकफुट' में लाने की है. ऐसा करके पार्टी, कांग्रेस की खामियों को उजागर कर सकती है. बीजेपी का यह भी मानना है कि सचिन पायलट की 'वापसी' के बावजूद सत्‍तारूढ़ पार्टी में गहरे मतभेद है और अगली मुसीबत सामने आने में भी ज्‍यादा वक्‍त नहीं लगने वाला. सूयों के अनुसार, बीजेपी को इस बात की की कोई संभावना नजर आ रही कि वोट के दौरान टीम पायलट की ओर से कोई 'यूटर्न' लिया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि वे पूरी मजबूती के साथ कांग्रेस में वापस गए है. टीम पायलट की वापसी के बाद अब कांग्रेस के पास 107 विधायक है, इसके अलावा सभी 13 निर्दलीय भी इसे समर्थन दे रहे हैं. छोटी पार्टियों को मिलाकर यह संख्‍या 125 तक पहुंच सकती है. 200 सदस्‍यीव राजस्‍थान विधानसभा में बहुमत के लिए 101 अंकों की जरूरत है. बीजेपी के पक्ष में इस समय 75 विधायक हैं.

राजस्थान में बीजेपी की रणनीति में बदलाव, लाया जाएगा अविश्वास प्रस्ताव

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