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This Article is From Jul 19, 2020

उस रिसॉर्ट में पहुंची राजस्थान पुलिस जहां ठहरे हैं कांग्रेस के बागी विधायक, 20 मिनट इंतजार के बाद वापस लौटी

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान पुलिस की एक टीम हरियाणा के उस रिसॉर्ट में पहुंची है, जहां सचिन पायलट (Sachin Pilot) का समर्थन करने वाले कांग्रेस के कुछ बागी विधायकों के ठहरे होने की खबर है. हालांकि पुलिस को अंदर जाने नहीं दिया गया है.

उस रिसॉर्ट में पहुंची राजस्थान पुलिस जहां ठहरे हैं कांग्रेस के बागी विधायक, 20 मिनट इंतजार के बाद वापस लौटी
Rajasthan Political Crisis:अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए खरीद-फरोख्त के आरोपों की जांच कर रही है पुलिस.
नई दिल्ली:

Rajasthan Crisis: राजस्थान में सियासी घमासान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. मुख्यमंत्री अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए अगले हफ्ते विधानसभा का सत्र भी बुला सकते हैं. इन सबके बीच राजस्थान पुलिस की एक टीम हरियाणा के मानेसर स्थित उस रिसॉर्ट में पहुंची है, जहां सचिन पायलट का समर्थन करने वाले कांग्रेस के कुछ बागी विधायकों के ठहरे होने की खबर है. हालांकि पुलिस को अंदर जाने नहीं दिया गया और 20 मिनट इंतजार के बाद जब गेट नहीं खुला तो वह वहां से लौट गई. बीते दो दिनों में यह दूसरी बार है जब राजस्थान पुलिस उस रिसॉर्ट तक पहुंची है. शुक्रवार शाम को भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था.

शुक्रवार शाम को उन्हें आईटीसी भारत ग्रैंड से खाली हाथ लौटना पड़ा था. बाद में उन्होंने दावा किया था कि हरियाणा पुलिस ने उनका सहयोग नहीं किया. इस बार हरियाणा पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन उन्होंने राजस्थान पुलिस के काम में बाधा नहीं डाली. राजस्थान पुलिस की एसओजी (SOG) अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों की जांच कर रही है. SOG ने कहा था कि वे वहां भंवर लाल शर्मा का वॉयस सैंपल लेने गए थे. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बागी विधायक को एक टेप में BJP से रिश्वत लेने की चर्चा करते हुए सुना गया था.

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लेकिन एक घंटे से अधिक समय तक हरियाणा पुलिस को होटल के बाहर राजस्थान पुलिस के वाहन को रोकते देखा गया था. जब उन्हें अंत में अनुमति दी गई तो राजस्थान पुलिस कुछ मिनटों के लिए ही वहां रुकी. सचिन पायलट और उनके 18 विधायक मानेसर में दो फैंसी रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनके पास पायलट के खिलाफ भाजपा की साजिश में शामिल होने और खरीद-फरोख्त का सौदा करने के सबूत हैं.

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बता दें कि कांग्रेस के बागी विधायकों की याचिका पर सोमवार को सुनवाई फिर शुरू होगी. विधायकों ने किसी भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने से इनकार करते हुए स्पीकर के नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. कांग्रेस की लीगल टीम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि यदि उच्च न्यायालय का फैसला पायलट खेमे के पक्ष में आता है तो अगले कदम के रूप में पार्टी विधानसभा का सत्र बुलाने की योजना बना रही है. 

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इस स्थिति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना होगा. कांग्रेस पहले से ही दावा कर रही है कि उसके पास बहुमत से ज्यादा नंबर हैं. मुख्य व्हिप महेश जोशी कांग्रेस के सभी विधायकों को पार्टी के पक्ष में वोट करने के लिए व्हिप जारी करेंगे. यदि पायलट खेमा व्हिप का उल्लंघन करता है या फिर अनुपस्थित रहता है तो इसे व्हिप के विपरीत कार्य माना जाएगा और दसवीं अनुसूची की धारा 2(1)(बी) के तहत अयोग्य घोषित किया जाएगा. हालांकि, इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है. पायलट और उनकी टीम के खिलाफ अभी संविधान की 10वीं अनुसूची की धारा 2(1)(ए) के तहत अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया चल रही है. जिसे दलबदल विरोधी कानून (Anti-Defection law) के नाम से जाना जाता है. 

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