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4 years ago
जयपुर:

Rajasthan Political Crisis Updates: राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा पायलट खेमे को राहत मिलने के बाद अशोक गहलोत खासे आक्रामक नजर आए.सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की और राजभवन पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन भी किया. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लगभग दिनभर चला प्रदर्शन शाम 7.40 बजे खत्म हुआ. राजभवन में अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिले जहां मुख्यमंत्री और लगभग 100 कांग्रेस विधायक धरने पर बैठे थे. गहलोत ने राज्यपाल को 102 विधायकों की सूची सौंपी है, जिन्होंने विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल से अनुरोध किया है, इसके बाद शुक्रवार रात अशोक गहलोत कैबिनेट की बैठक हुई. पाटी सूत्रों के अनुसार बैठक में विधानसभा सत्र बुलाए जाने की कैबिनेट के प्रस्ताव पर राजभवन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा हुई. राजभवन ने छह बिंदुओं पर जवाब मांगा है. राजभवन द्वारा जिन छह बिंदुओं को उठाया गया है उनमें से एक यह भी है कि राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है? इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि विधानसभा सत्र किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और ना ही कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन किया गया है. 

संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रहा है राजस्थान : राज्यपाल से मुलाकात के बाद बीजेपी ने कहा
राजस्थान भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन में लिखा "मुख्यमंत्री द्वारा 24 जुलाई को जिस प्रकार अपने दल के लोगों को उत्प्रेरित करते हुए राजभवन घेरने की धमकी एवं उस स्थिति में राज्य सरकार द्वारा राजभवन को सुरक्षा प्रदान करने की असमर्थता व्यक्त की, यह IPC की धारा 124 का स्पष्ट उल्लंघन है."
राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया के नेतृत्व में 15 सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने माननीय राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण और प्रदेश के राजनैतिक स्थिति के बारे में चर्चा की.
राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, 'कल का दिन दुर्भाग्यपूण था'
राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, 'कल मुख्यमंत्री का बयान कि जनता राजभवन को घेरेगी, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. राजस्थान में सदन बुलाने की प्रक्रिया है, ये महामहिम का अधिकार है. ये धरना देकर ज़बरदस्ती कागज़ पर हस्ताक्षर करने का प्रयास किया. महामहिम ने पूंछा कि मेरी सुरक्षा कौन करेगा? इन्होंने आज राजस्थान में सरकार की SOP का उल्लंघन किया प्रदर्शन करके. हमने ज्ञापन दिया है कि कोरोना की हालत देखें, राज्य को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता.

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने पहुंचे 12 बीजेपी नेता. मिलनेवालों में सतीश पूनिया, गुलाबचंद कटारिया व राज्यवर्धन सिंह राठौर भी शामिल.

गहलोत के आवास पर मंत्री परिषद की बैठक शुरू हुई, बैठक के बाद राज्यपाल से मिलेंगे CM.
सीएम अशोक गहलोत का बड़ा बयान, 'जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति भवन भी जाना पड़ा तो जाएंगे'
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि बीजेपी के षड्यंत्र को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा और जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति भवन जाना पड़ा तो जाएंगे. राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री निवास पर भी धरना देना पड़ा तो देंगे. इस पर विधायकों ने हाथ उठाकर समर्थन जताया. उन्होंने विधायकों से एकजुटता और मजबूती बनाए रखने को कहा. सीएम ने विधायकों से कहा, '21 दिन रहना पड़ सकता है होटल में, इस पर विधायकों ने हाथ उठाकर दिलाया भरोसा. सीएम ने कहा, बहुमत हमारे साथ है.
राज्यपाल से सीएम गहलोत आज शाम 4 बजे मिलेंगे 
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक राजस्थान के सीएम अशोकर आज शाम 4 बजे राज्यपाल कलराज मिश्रा से मिलेंगे.
कैबिनेट की बैठक का फिर समय बदला
राजस्थान में कैबिनेट की बैठक अब 4 बजे होगी. वहीं कांग्रेस विधायकों की बैठक जयपुर के होटल में जारी है.

बैठक के समय में हुआ बदलाव
मंत्रिपरिषद बैठक के समय मे बदलाव हुआ है.  अब दोपहर 12.30 बजे होगी बैठक
सीएम गहलोत ने बुलाई मंत्रिपरिषद की बैठक
राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने 11:30 बजे अपने आवास में मंत्री परिषद की बैठक बुलाई है. गहन चर्चा के बाद नया प्रस्ताव तैयार कर पारित किया जाएगा.  गहलोत नहीं चाहते कि फिर से गवर्नर कलराज मिश्रा प्रस्ताव में कोई ख़ामी निकालें.
कांग्रेस करेगी प्रदर्शन

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार कांग्रेस आज राजस्थान के सभी ज़िला मुख्यालयों में भाजपा की "लोकतंत्र की हत्या करने की साजिश" के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी. 

शुक्रवार रात हुई गहलोत कैबिनेट की बैठक

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार राजभवन ने छह बिंदुओं पर जवाब मांगा है. राजभवन द्वारा जिन छह बिंदुओं को उठाया गया है उनमें से एक यह भी है कि राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है? इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि विधानसभा सत्र किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और ना ही कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन किया गया है. 

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