एमबीबीएस कर रहीं शहनाज भरतपुर की कामां पंचायत की सरपंच चुनी गई हैं.
नई दिल्ली:
आपने मुन्नाभाई MBBS तो काफी सुना होगा, पर क्या आपने सरपंच MBBS सुना है? हम आपको बताते हैं MBBS सरपंच शहनाज़ के बारे में जो राजस्थान के भरतपुर की सबसे युवा महिला सरपंच चुनी गई हैं. 24 साल की शहनाज पेशे से डॉक्टर हैं और उन्होंने इसी साल एमबीबीएस के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा दी है.
शहनाज़ हमेशा से डॉक्टर ही बनना चाहती थीं और कभी इस ओर आने का ख्याल उनके मन में नहीं था पर नियति को कुछ मंजूर था. शहनाज़ को विरासत में राजनीति मिली है. उनके दादा पिछले पचपन सालों से भरतपुर की कामां पंचायत के सरपंच थे और अब उनकी जगह उनकी पोती ने ले ली है. शहनाज के दादा का फर्जी सर्टिफिकेट इश्यू करने का आरोप था जिस कारण सरपंच चुनाव रद्द कर दिया गया था. फिर शहनाज के दादा के बाद उस सीट को लेकर घर में बात शुरू हो गई थी कि कौन चुनाव लड़ेगा इस बात पर काफी देर बाद फैसला हुआ कि शहनाज ही इस सीट पर सरपंच का चुनाव लड़ेंगी. शहनाज की पूरी फैमिली राजनीति में ही है. पिता गांव के प्रधान, मां विधायक, संसदीय सचिव भी रह चुकी हैं.
शहनाज अपने इलाके में लड़कियों की शिक्षा पर जोर देना चाहती हैं और साथ ही साथ स्वच्छ भारत के मिशन पर भी काम करना चाहती हैं. वे अगले महीने से अपनी इंटर्नशिप गुड़गांव में करेंगी साथ ही साथ लगातार अपने गांव के संपर्क में भी रहेंगी.
शहनाज़ ने पांचवी तक पढ़ाई गुरुग्राम के श्री राम स्कूल से की और छठवीं से बारहवीं की पढ़ाई मारुति कुंज से की है. उसके बाद शहनाज उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद से MBBS कर रही हैं.
VIDEO : परिवार की सहमति से लड़ा चुनाव
शहनाज़ अपनी तरह और लड़कियों को भी आगे लाना चाहती हैं. NDTV से उन्होंने कहा कि ''मैं बेहद गौरवान्वित महसूस कर रही है हूं कि लोगों की सेवा करने का मौका मिला है.'' बतौर सरपंच उनकी प्राथमिकता होगी कि गांव में बच्चियों के लिए शिक्षा और स्वच्छता की बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जा सकें. उन्होंने कहा कि मैं यह भी चाहती हूं कि मैं बेटियों के सामने यह उदाहरण दे सकूं कि शिक्षा से समाज में बदलाव हो सकता है.
शहनाज़ हमेशा से डॉक्टर ही बनना चाहती थीं और कभी इस ओर आने का ख्याल उनके मन में नहीं था पर नियति को कुछ मंजूर था. शहनाज़ को विरासत में राजनीति मिली है. उनके दादा पिछले पचपन सालों से भरतपुर की कामां पंचायत के सरपंच थे और अब उनकी जगह उनकी पोती ने ले ली है. शहनाज के दादा का फर्जी सर्टिफिकेट इश्यू करने का आरोप था जिस कारण सरपंच चुनाव रद्द कर दिया गया था. फिर शहनाज के दादा के बाद उस सीट को लेकर घर में बात शुरू हो गई थी कि कौन चुनाव लड़ेगा इस बात पर काफी देर बाद फैसला हुआ कि शहनाज ही इस सीट पर सरपंच का चुनाव लड़ेंगी. शहनाज की पूरी फैमिली राजनीति में ही है. पिता गांव के प्रधान, मां विधायक, संसदीय सचिव भी रह चुकी हैं.
शहनाज अपने इलाके में लड़कियों की शिक्षा पर जोर देना चाहती हैं और साथ ही साथ स्वच्छ भारत के मिशन पर भी काम करना चाहती हैं. वे अगले महीने से अपनी इंटर्नशिप गुड़गांव में करेंगी साथ ही साथ लगातार अपने गांव के संपर्क में भी रहेंगी.
शहनाज़ ने पांचवी तक पढ़ाई गुरुग्राम के श्री राम स्कूल से की और छठवीं से बारहवीं की पढ़ाई मारुति कुंज से की है. उसके बाद शहनाज उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद से MBBS कर रही हैं.
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शहनाज़ अपनी तरह और लड़कियों को भी आगे लाना चाहती हैं. NDTV से उन्होंने कहा कि ''मैं बेहद गौरवान्वित महसूस कर रही है हूं कि लोगों की सेवा करने का मौका मिला है.'' बतौर सरपंच उनकी प्राथमिकता होगी कि गांव में बच्चियों के लिए शिक्षा और स्वच्छता की बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जा सकें. उन्होंने कहा कि मैं यह भी चाहती हूं कि मैं बेटियों के सामने यह उदाहरण दे सकूं कि शिक्षा से समाज में बदलाव हो सकता है.
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